आम आदमी पार्टी ने सुशील रिंकू को जालंधर लोकसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया है। वह 24 घंटे पहले ही कांग्रेस छोड़ आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हुए हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आप के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को फगवाड़ा में एक समारोह में रिंकू को आप में शामिल कराया था। जालंधर लोकसभा उपचुनाव के लिए मतदान 10 मई को होगा और नतीजे 13 मई को घोषित किए जाएंगे।

आम आदमी पार्टी ने सुशील रिंकू के तौर पर एक ऐसे प्रत्याशी का चयन किया है जिनकी जालंधर में आम लोगों के बीच अच्छी पकड़ है। पिछले कुछ दिनों से आम आदमी पार्टी सुशील रिंकू के संपर्क में थी। 2022 के राज्य चुनावों में प्रचंड जीत के बावजूद आप के पास अन्य पारंपरिक पार्टियों की तरह एक विशाल कैडर आधार नहीं है।

कौन है सुशील रिंकू?

सुशील रिंकू ने 2012 में पहली बार जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा था और तीन बार के विधायक और पूर्व मंत्री भगत चुन्नी लाल के बेटे भाजपा के महिंदर पाल भगत को 17,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया था। 2022 के चुनाव में रिंकू को आप उम्मीदवार शीतल अंगुरल ने 4,254 मतों के अंतर से हराया था।

सुशील रिंकू (47) छात्र जीवन से ही राजनीति में काफी सक्रिय रहे हैं। 1990 में वह भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के एक सक्रिय सदस्य थे और 1992 के विधानसभा चुनाव के बाद से बूथ स्तर के कार्यकर्ता के रूप में काम किया। 2006 में उन्हें जालंधर नगर निगम के पार्षद के रूप में चुना गया था। उन्होंने 2,500 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। उन्होंने कई शहर-आधारित परियोजनाओं में सक्रिय भूमिका निभाई थी।

उनका परिवार चार दशकों से अधिक समय से कांग्रेस पार्टी की सेवा कर रहा है, उनके पिता और चाचा कांग्रेस के पार्टी मामलों में काफी सक्रिय हैं। उनके पिता स्वर्गीय राम लाल भी 1997 और 2002 में जालंधर निगम के पार्षद चुने गए थे। रिंकू की पत्नी सुनीता रिंकू भी 2007 में पार्षद चुनी गई थीं।सुशील रिंकू ने डीएवी कॉलेज जालंधर से स्नातक किया है। 1994 में अपने कॉलेज के श्री गुरु रविदास कल्चरल सोसाइटी के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।