उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया था कि सड़कों पर नमाज नहीं होनी चाहिए, जिसके बाद सीएम के निर्देश का पालन होता दिख रहा है। कानपुर में आल इंडिया सुन्नी उलेमा काउंसिल ने एक पहल की थी। संगठन ने शहर में मौजूद 300 मस्जिदों का सर्वे कराया। उसके बाद वहां के मौलवी और इमामों से बात कर सड़क पर नमाज को बंद कराने का काम किया।
कानपुर में सुन्नी उलेमा काउंसिल के महामंत्री हाजी मोहम्मद शरीफ ने बताया कि कानपुर में 95 फीसदी मस्जिदों में सड़कों पर नमाज बंद हो गई है। अब केवल पांच फीसदी ऐसी मस्जिदों हैं, जहां अभी सड़कों पर नमाज अदा करने की मजबूरी है। सुन्नी उलेमा काउंसिल अब इन मस्जिदों के विस्तार की योजना तैयार कर रहा है, ताकि क्षमता बढ़ने से समस्याएं दूर की जा सके।
वहीं कानपुर नगर में 330 से ज्यादा ऐसी मस्जिदें हैं, जहां जुमे की नमाज में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करते हैं। शहर में ढाई सौ से ज्यादा ऐसी मस्जिदें हैं, जहां जुमे के दौरान सड़क पर नमाज होती थी। शासन स्तर से लिए गए निर्णय के बाद सुन्नी उलेमा काउंसिल और अन्य संस्थाओं ने इसके लिए कवायद शुरू की थी। जिसका असर अब देखने को मिल रहा है। मोहम्मद रफीक खान ने बताया कि सड़कों पर जाम न लगे, लोगों को दिक्कत न हो, क्योंकि मस्जिदें छोटी, इसलिए मस्जिदों का विस्तार किया जा रहा है।
वहीं चमनगंज की आधा दर्जन प्रमुख मस्जिदों में अभी भी जुमे की नमाज सड़क पर अदा की जा रही है। हालांकि नमाज से कुछ ही पल पहले रास्ता रोका जाता है। पर यहां भी व्यवस्था बदलने की कवायद तेज कर दी गई है। यहां दो बार नमाज या मस्जिदों में नमाज का समय बदले जाने की कवायद की जा रही है। यहां की कुछ मस्जिदों में नमाज के दौरान भी सड़क पर रास्ता छोड़ दिया जाता है।