रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत के विशेष बलों द्वारा किये गए लक्षित हमले के बारे में रक्षा संबंधी संसद की स्थायी समिति को अगले सप्ताह जानकारी देंगे। इन अटकलों के बीच कि रक्षा मंत्रालय ने हमलों का ब्योरा सांसदों के साथ साझा करने पर आपत्ति जतायी है, संसदीय सूत्रों ने कहा कि इसकी संभावना नहीं है कि समिति उससे अधिक जानकारी के लिए जोर देगी जो पहले से ही सार्वजनिक है। सेना नियंत्रण रेखा के पार हमले के बारे में आधिकारिक रूप से पहले ही स्वीकार कर चुकी है।
समिति की बैैठक आज होने वाली थी लेकिन बैठक 14 अक्तूबर के लिए स्थगित कर दी गई। इसका एजेंडा यद्यपि वही है, नियंत्रण रेखा के पार लक्षित हमले के बारे में रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधियों द्वारा जानकारी देना। इन खबरों के बीच कि रक्षा मंत्रालय जानकारी साझा करने को लेकर चिंतित है, समिति में शामिल भाजपा के एक सदस्य ने कहा कि बैठक इसलिए स्थगित कर दी गई क्योंकि कुछ सदस्य दिल्ली में उपलब्ध नहीं थे। उनके अनुरोध पर बैठक पुन: निर्धारित की गई।

समिति में शामिल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि वह इसके बारे में कोई अटकलें नहीं लगाना चाहेंगे कि मंत्रालय जानकारी साझा करने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा, ह्यह्यमीडिया की तरह हम अटकलें नहीं लगा सकते। विषय पर बैठक 14 अक्तूबर को है। यह बैठक इन मांगों की पृष्ठभूमि में हो रही है कि सरकार को पाकिस्तान के दुष्प्रचार का जवाब देने के लिए नियंत्रण रेखा के पार हमले का सबूत पेश करना चाहिए।

इस मांग पर एक तेज बहस शुरू हो गई है कि सबूत मुहैया कराये जाने चाहिए या नहीं। भाजपा और विशेषज्ञ विशेष बलों द्वारा अभियान की जानकारी का खुलासा करने के खिलाफ हैं। यद्यपि विपक्ष का मानना है कि वीडियो सबूत से पाकिस्तान के इस दावे को खारिज करने में मदद मिलेगी कि भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार कोई हमला नहीं किया गया था।