शिमला के लिए वायु संपर्क की कमी पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सक्षम प्राधिकार को निर्देश दिया कि वह चार मई तक बताए कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी के लिए वायु सेवा कब से शुरू की जाएगी और इस बारे में जवाब न में होने पर आदेश पारित करने की चेतावनी दी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर के नेतृत्व वाले पीठ ने कहा-अगर इसका जवाब न हुआ तब हम इसके लिए जो लोग जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ आदेश जारी करेंगे।
पीठ ने नागर विमानन मंत्रालय समेत सक्षम प्राधिकार को इस विषय पर उनकी ओर से जारी निर्देश की प्रति पीठ के सामने पेश करने को कहा और मामले की सुनवाई की अगली तारीख चार मई निर्धारित कर दी। इसमें कहा गया है कि इस बारे में पिछले साल 16 दिसंबर को जारी अंतरिम आदेश इन अधिकारियों को श्रेणी-एक मार्गों से श्रेणी-दो मार्गों के लिए दस फीसद क्षमता तैनाती प्रदान करने की जिम्मेदारी को पूरा करने से नहीं रोकता है।
सरकार की ओर से निर्धारित मार्गो संबंधी दिशानिर्देशों में श्रेणी-एक मार्गो को व्यस्त मार्ग में रखा गया है जिनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बंगलुरु और चेन्नई जैसे शहर शामिल हैं। श्रेणी-दो मार्गो में जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर, द्विपक्षीय क्षेत्र शामिल हैं। मंत्रालयों विमानन नियामक डीजीसी समेत सभी सक्षम प्राधिकार ने इन सेवाओं को पेश किए जाने का पक्ष लिया। इस पर पीठ ने कहा- हम उम्मीद करते हैं कि इसमें कोई राजनीति नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते पूर्वोत्तर और शिमला के लिए वायु संपर्क की कमी पर गहरी आपत्ति जताई थी।