जिन्ना की तस्वीर लगाने से हुए विवाद के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कैंपस में सरस्वती मंदिर बनाने की मांग की गई है। इस संबंध में एक छात्र नेता अजय सिंह ने वीसी को पत्र लिखा है। अजय सिंह का कहना है, ‘‘एग्जाम के दौरान छात्र अच्छे परिणाम के लिए मां सरस्वती के दर पर मत्था टेक सकें। इसके चलते कैंपस में मंदिर बनना जरूरी है। नोएडा में नमाज को लेकर हंगामा और बयानबाजी करने वाले छात्र संघ के नेता इतने ही सहिष्णु हैं तो कैंपस में अपने हिंदू भाइयों के लिए एक मंदिर क्यों नहीं बनवा देते?’’
एएमयू में बने मंदिर तो धर्मनिरपेक्षता की मिसाल दिखेगी : अजय ने कहा, ‘‘नोएडा और अलीगढ़ की दूरी 120 किलोमीटर है। वहां एक पार्क में नमाज पढ़ने और उस पर किसी प्रशासनिक नोटिस पर हम नाराजगी जता रहे हैं। साथ ही, भारत को असहिष्णु साबित कर रहे हैं। यहां तक कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान की तारीफ कर रहे हैं और उसे सोशल मीडिया पर भी शेयर कर रहे हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि एएमयू के कैंपस में गैर-मुस्लिमों के लिए क्या किया जा रहा है?’’
हॉस्टल में पूजा करने की इजाजत भी मिले : अजय ने पत्र में लिखा, ‘‘धार्मिक स्वतंत्रता के आधार पर हमारे मुसलमान साथी हर हॉस्टल में नमाज पढ़ सकते हैं। यह जरूरी भी है। क्या हमने कभी सोचा है कि साथ पढ़ने वाले हिंदू भाइयों के लिए एक देव स्थान बना दिया जाए?’’ अजय सिंह ने एएमयू छात्र संघ और एएमयू प्रशासन से गैर-मुस्लिम छात्रों के लिए कैंपस में मौलाना आजाद लाइब्रेरी के सामने मां सरस्वती का मंदिर बनवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह मंदिर गंगा-जमुनी संस्कृति और धर्मनिरपेक्षता की मिसाल पेश करेगा। उन्होंने एएमयू कुलपति से मंदिर स्थापित करने और सभी छात्रों को शाम के वक्त आरती करने की इजाजत देने की मांग की है।
बीजेपी युवा मोर्चा ने पीएम मोदी को लिखा खत : बीजेपी युवा मोर्चा अध्यक्ष मुकेश लोधी ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी को भी पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि एएमयू कैंपस में मंदिर बनवाने के लिए छात्र कई दिन से मेरे पास आ रहे हैं। उनका कहना है कि एएमयू में मंदिर नहीं होने के कारण उन्हें पूजा करने में काफी परेशानी होती है। ऐसे में मैंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व एएमयू वाइस चांसलर को पत्र लिखकर कैंपस में मंदिर बनाने की मांग रखी है।

