भारतीय रेल में नौकरियों की मांग कर रहे आंदोलनकारी छात्रों द्वारा मंगलवार को किए पथराव में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के करीब 11 जवान घायल हो गए। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस घटना के संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।अधिकारी ने कहा कि दादर में तैनात एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक और दो महिला कांस्टेबलों सहित जीआरपी के पांच जवान इस घटना में घायल हुए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, रेलवे पटरियों पर बैठे आंदोलनकारियों द्वारा पथराव में आरपीएफ के छह जवान घायल हुए। पुलिस उपायुक्त (जीआरपी मध्य) समाधान पवार ने कहा कि दादर में जीआरपी ने करीब 800 से एक हजार लोगों के खिलाफ भादंसं की धाराओं 307 (हत्या का प्रयास), 353 (लोक सेवक पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और 341 (गलत ढंग से रोकना) तथा रेल कानून एवं बंबई पुलिस अधिनियम के विभिन्न अन्य प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।उन्होंने कहा कि अब तक दो लोग गिरफ्तार हुए हैं। इस घटना की जांच जारी है।
भारतीय रेल में प्रशिक्षण लेने वाले और अब स्थायी नौकरी की मांग कर रहे कई राज्यों के करीब 400 से 500 छात्र सुबह करीब पौने सात बजे रेलवे पटरियों पर आकर बैठ गए। बाधा के कारण मध्य रेल को दक्षिण मुंबई में माटुंगा और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल के बीच प्रभावित खंड में उपनगरीय एवं एक्सप्रेस ट्रेन सेवाएं कुछ घंटे के लिए रोकनी पड़ीं।
मध्य रेल के प्रमुख पीआरओ सुनील उदसी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को पटरियों से हटाने के बाद सेवाएं बहाल हुईं। रेल मार्ग अवरूद्ध होने पर लाखों यात्रियों को मंगलवार व्यस्त समय में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इससे पहले आरपीएफ और मुंबई पुलिस को माटुंगा में आंदोलनकारी छात्रों को हटाने के लिए हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। दूसरी ओर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर प्रदर्शन वापस ले लिया गया। गोयल ने छात्रों से नियुक्तियों के लिए 31 मार्च से पहले प्रपत्र भरने का आह्वान भी किया। विधानसभा में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने बयान में कहा कि रेलवे ने अप्रेंटिस का कोटा 10 से बढ़ाकर 20 कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘युवा रेलवे नौकरी में अप्रेंटिस के लिए 100 फीसद कोटे की मांग कर रहे हैं। रेलवे प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत शुरू कर दी है और जल्द ही इसका समाधान निकाल लिया जाएगा।’ विधानसभा में यह मुद्दा विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने उठाया था।
#WATCH: Railway traffic resumes between Dadar & Matunga, agitating railway job aspirants still present at the spot where they have been protesting, between Matunga & Chhatrapati Shivaji Terminus railway station. #Mumbai pic.twitter.com/J72KIhc38b
— ANI (@ANI) March 20, 2018
शहर नागरिक निकाय का परिवहन विभाग, ‘बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग’ ( बेस्ट) ने फंसे यात्रियों और कार्यालय जाने वाले लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त बसें भी चलाईं। अप्रेंटिस परीक्षा पास करने वाले छात्र भारतीय रेलवे में पूर्णकालिक नौकरी और 20 फीसद रिक्तियां भरने के लिए रेल जनरल मैनेजर का कोटा (जीएम कोटा) खत्म करने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे छात्रों के हाथ में तख्तियां थीं जिनपर उनकी मांगें लिखी थीं। प्रदर्शन के मद्देनजर सीआर अधिकारी जल्द ही हरकत में आ गए और उन्होंने कहा कि अप्रेंटिस की नियुक्तियों के लिए जल्द ही नए सिरे से परीक्षाएं कराई जाएंगी। मध्य रेलवे मुंबई के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) एसके जैन ने कहा, ‘इस अप्रेंटिस के लिए प्रपत्र भरने की आखिरी तारीख 31 मार्च है। परीक्षा जल्द ही आयोजित की जाएगी।’
प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों ने कहा, ‘हम रेलवे में सफल छात्रों का पूर्णकालिक कर्मी के रूप में शामिल करने और जीएम कोटे को खत्म करने की मांग कर रहे हैं।’ एक अन्य छात्र ने आरोप लगाया, ‘पिछले चार साल से कोई भर्ती नहीं हुई है। हम एक जगह से दूसरी जगह लगातार संघर्ष कर रहे हैं। 10 से 15 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं।’ उन्होंने पहले कहा था, ‘हम ऐसा होने नहीं दे सकते। हम यहां से तब तक नहीं हटेंगे, जब तक रेल मंत्री पीयूष गोयल हमसे आकर नहीं मिलते। डीआरएम( मुंबई डिविजन के मंडल रेल प्रबंधक) से किए हमारे सभी अनुरोध अनसुने रहे हैं।’ रेल कार्यकर्ता सुभाष गुप्ता ने प्रदर्शन को रेलवे खुफिया तंत्र की पूर्ण विफलता करार दिया।