तिकोनिया हिंसा कांड की जांच कर रही एसआईटी गुरुवार को आशीष मिश्रा को लेकर तीन अक्टूबर को हुई घटना का रीक्रिएशन कराने घटनास्थल पर पहुंची। टीम यह जानने की कोशिश करती रही कि उस दिन हालात किस तरह के थे। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जहां प्रदर्शनकारियों की जगह पुलिस ने अपने कुछ लोगों को हाथों में काले झंडे लिए खड़ा किया गया था, वहीं थार की जगह पुलिस की जीप चल रही थी। फॉर्च्यूनर की जगह स्कॉर्पियो और एक्सयूवी गाड़ियों को रफ्तार के साथ दौड़ाया गया। इस दौरान अधिकारी हर चीज पर बारीकी से नजर रखे दिखाई दे रहे थे।

इस हिंसा में चार किसानों और एक पत्रकार सहित आठ लोगों की मौत हो गयी थी। पुलिस ने बताया कि हिरासत में लिए गए चारों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच बृहस्पतिवार को घटनास्थल पर ले जाया गया। यह घटना लखीमपुर जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई।

तिकोनिया हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा मोनू को 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और अदालत ने उन्हें 12 से 15 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेजा था। एक अन्य आरोपी शेखर भारती को 12 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था, जबकि अंकित दास और लतीफ उर्फ काले की गिरफ्तारी 13 अक्टूबर को हुई थी। अंकित दास, लतीफ और शेखर भारती 14 से 17 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में थे।

जांच दल गुरुवार को अंकित दास, लतीफ और शेखर भारती को पुलिस हिरासत में लेने के लिए सुबह जिला जेल परिसर पहुंचे। तीनों को रिजर्व पुलिस लाइन स्थित अपराध शाखा कार्यालय ले जाया गया, जहां आशीष मिश्रा मोनू पहले से ही पुलिस हिरासत में है।

गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गयी थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा तथा अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।