तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष और द्रमुक नेता एम अप्पावु के महीने भर पुराने बयान पर हंगामा खड़ा हो गया है। उन्होंने राज्य के विकास का श्रेय ईसाइयों को देते हुए पिछले 28 जून को तिरुचिरापल्ली के सेंट पॉल मदरसा के शताब्दी समारोह में कहा था कि अगर कैथोलिक ईसाई नहीं होते तो तमिलनाडु बिहार हो गया होता। उनका बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो भाजपा ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई। पार्टी ने द्रमुक पर हमला बोलते हुए तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष की निंदा की।

एम अप्पावु ने कहा था, “अगर ईसाई पिता और बहनें नहीं होते, तो तमिलनाडु बिहार जैसा होता। कैथोलिक पिता और बहनों ने ही मुझे आज इस मुकाम तक पहुंचाने में मदद की है। तमिलनाडु सरकार आपकी सरकार है। आप यह सरकार बनाई। आपकी प्रार्थना और उपवास ने यह सरकार बनाई। कैथोलिक ईसाई और ईसाई पिता सामाजिक न्याय और द्रविड़ मॉडल सरकार का मुख्य कारण हैं।”

तमिलनाडु प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और पार्टी प्रवक्ता नारायणन ने सोशल मीडिया पर विधान सभा अध्यक्ष के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा, “क्या यह डीएमके की धर्मनिरपेक्षता है? उन्होंने खुद को एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी कहने का दावा खो दिया है। अब यह साबित करता है कि डीएमके हिंदू विरोधी पार्टी है।” दूसरी तरफ अप्पावु ने इस मुद्दे का कथित रूप से राजनीतिकरण करने के लिए भाजपा की निंदा की।

उन्होंने एएनआई से बातचीत करते हुए कहा, “अगर भाजपा मेरे भाषण का प्रचार कर रही है तो यह अच्छी बात है। मैं यह नहीं कहूंगा कि मैंने ऐसा नहीं कहा। हां, मैंने वह कहा। लेकिन सोशल मीडिया पर केवल छंटे हुए संस्करण फैलाए जा रहे हैं। मैंने जो कुछ भी बोला वह सिर्फ इतिहास है, होना चाहिए उस पर कोई राजनीति न करें।”

उन्होंने कहा था, “आपको (कैथोलिक ईसाइयों को) किसी पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं है। आप अपनी सभी समस्याओं की सूची बनाएं और सीधे मुख्यमंत्री को भेज दें। वह किसी भी चीज़ से इनकार नहीं करेंगे और सब कुछ सुलझा लेंगे। क्योंकि मुख्यमंत्री जानते हैं कि इस सरकार को बनाने वाले आप ही हैं। यह आपकी सरकार और आपका मुख्यमंत्री है। इसमें मैं आपके साथ हूं। यदि ईसाईयों को तमिलनाडु से हटा दिया जाता है, तो कोई विकास नहीं होगा। कैथोलिक ईसाई तमिलनाडु के विकास का मुख्य कारण हैं। आज का तमिलनाडु आप ने बनाया है।”