समाजवादी पार्टी के महासचिव और राज्य सभा सांसद अमर सिंह राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं। अक्सर कहा जाता है कि विवाद और अमर सिंह का चोली-दामन का साथ है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी में हुए टकराव के पीछे उन्हें एक अहम किरदार माना गया है। सालों बाद सपा में दोबारा वापसी करने वाले अमर सिंह अच्छी तरह जानते हैं कि राजनीति में ‘प्रासंगिक’ बने रहना हर हाल में जरूरी है। अक्टूबर के पहले पखवाड़े में इंडियन एक्सप्रेस अड्डा में शामिल हुए अमर सिंह ने संबंधों में “लेन-देन” के सर्वोपरी बताया। इस मौके पर अमर सिंह ने यूपी के सीएम अखिलेश यादव पर परोक्ष हमला किया तो कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की खुलकर तारीफ की।

जब उनसे राहुल गांधी द्वारा यूपी में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव के मद्देनजर किए जा रहे प्रचार को लेकर सवाल पूछा गया तो अमर सिंह ने राहुल की तारीफ के बावजूद कह दिया कि वो व्यावहारिक राजनेता नहीं हैं। अमर सिंह के अनुसार पहले उनका परिचय केवल सोनिया गांधी से और थोड़ा बहुत प्रियंका गांधी से था। राहुल से उनका परिचय थोड़ी देर से हुआ। अमर सिंह ने कहा, “राहुलजी, व्यावहारिक नेता नहीं हैं। वो आदर्शों से समझौता नहीं करते। मेरे ख्याल से उनमें सत्ता की भूख नहीं है क्योंकि उन्होंने सत्ता के वैभव को करीब से देखा है। ऐसी हालात में पीछे हटकर कुछ असाधारण करते हैं। हो सकता है कि वो खाट सभा और पदयात्रा से इसकी पड़ताल कर रहे हों।

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अमर सिंह ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का उदाहरण देते हुए कहा कि राहुल गांधी को वोट बैंक की राजनीति की परवाह नहीं है। अमर सिंह ने कहा, “व्यावहारिक राजनेता अमित शाह की तरह वोटबैंक पर नजर रखेगा। उन्होंने ओमप्रकाश राजभर को खोज निकाला, जिनका पूर्वी यूपी के दलितों और पिछड़े में प्रभाव है। उन्होंने अनुप्रिया पटेल को भी ढूंढा। यानी अमित शाह पटेल वोटरों और राजभर वोटरों के बारे में सोच रहे हैं, और इस तरह छोटे छोटे वोट बैंक से कुछ बड़ा होता है।”

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जब अमर सिंह से पूछा गया कि क्या राहुल के प्रचार से क्या यूपी में कांग्रेस के अच्छे दिन आने की कोई उम्मीद है? तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस के पास यूपी में कोई चेहरा नहीं है। अमर सिंह ने कहा, “सबसे बड़ी चुनौती ये है कि राहुल जब चले जाएंगे तो उनके काम को समझने और आगे बढ़ाने वाला कौन है? राज बब्बर मेरे साथी रहे हैं। उनके जैसे मेहनती लोग मैंने बहुत कम देखे हैं। लेकिन राहुल गांधी के प्रयासों और राज बब्बर की मेहनत को मुलायम सिंह यादव जैसा एक चेहरा चाहिए। सपा और बसपा के पास मुलायम और मायावती जैसे लोकप्रिय चेहरे हैं। कांग्रेस और बीजेपी के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं जो इन दोनों नेताओं के आसपासभी हो।”

अमर सिंह ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की तारीफ करने का भी मौका नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में आपको मुलायम सिंह यादव जैसा व्यक्तित्व चाहिए जिनके पास हर किसी को लेकर चलने का अनुभव और कुव्वत है। मायावती की भी इतनी पहुंच नहीं है। या तो वो हर किसी से नहीं मिलती या लोग उनसे नहीं मिलते। इस उम्र में मुलायम सुबह से शाम तक पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलते हैं। उन्होंने गांववालों के नाम तक याद रहते हैं…उनके जैसी क्षमता अखिलेश में भी नहीं है! उन्होंने अभी शुरुआत ही की है।”

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