Sitapur BSA Beating Case: उत्तर प्रदेश के सीतापुर में बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह को बेल्ट से पीटने वाले शिक्षक बृजेंद्र कुमार वर्मा का प्रकरण लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। प्राथमिक विद्यालय नदवा में लगातार तीसरे दिन पढ़ाई ठप रही। एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी की जांच के दौरान शुक्रवार को विद्यालय में तीन बच्चे बेहोश हो गए, जिन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और कुछ देर बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। वहीं, शासन ने अब बीएसए को भी निलंबित कर दिया है।
वहीं, इस मामले में तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने सीतापुर में शिक्षक से जुड़ी मारपीट की घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। मंत्री ने शुक्रवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सीतापुर में शिक्षक से जुड़ी घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मेहनती, ईमानदार और नियमित रूप से स्कूल जाने वाले बृजेंद्र वर्मा को इस हद तक परेशान किया गया कि वह अपना आपा खो बैठे। केवल 20 सेकंड के वीडियो क्लिप के आधार पर शिक्षक को एकतरफा दोषी ठहराना अनुचित है।
मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि बीएसए कार्यालय में प्रवेश करने से लेकर अंत तक के सभी सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा के आधार पर, जो भी दोषी पाया जाए, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि किन परिस्थितियों के कारण शिक्षक ने यह कदम उठाया इसकी सच्चाई सामने आनी चाहिए।
मंत्री ने पोस्ट में कहा, “मैंने इस संबंध में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह से बात की है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि घटना की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
बीआरसी नहीं पहुंचीं निलंबित अध्यापिका
बेल्टकांड में सुर्खियों में आई सहायक अध्यापिका अवंतिका गुप्ता निलंबित कर दी गई हैं। निलंबन आदेश के अनुसार उनको बीआरसी महमूदाबाद में पहुंचकर उपस्थिति दर्ज करानी थी, लेकिन वह शुक्रवार को बीआरसी नहीं पहुंची।
अधिकारियों ने बताया कि सीतापुर जिले में एक बेसिक शिक्षा अधिकारी पर उनके कार्यालय में एक प्रधानाध्यापक द्वारा कथित तौर पर हमला किया गया, जब वह अपने स्कूल के कर्मचारियों की एक शिकायत की जांच कर रहे थे।
बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह ने क्या कहा?
मीडिया से बात करते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि सीतापुर जिले के महमूदाबाद क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय नदवा के प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा उसी स्कूल की एक सहायक शिक्षिका को परेशान कर रहे थे। मामले की शिकायत मिलने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाध्यापक को इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अपने कार्यालय बुलाया।
सिंह ने प्रधानाध्यापक और सहायक शिक्षिका दोनों को आमने-सामने बैठाकर जांच शुरू की। सिंह ने दावा किया कि जब उपस्थित सभी लोगों ने बताया कि प्रधानाध्यापक दोषी हैं, तो वह अचानक क्रोधित हो गए, अपनी बेल्ट निकाली और मुझ पर हमला कर दिया। अधिकारियों के अनुसार, हमले के बाद प्रधानाध्यापक को पुलिस के हवाले कर दिया गया और बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से निलंबित कर दिया।
अखिलेश यादव ने एक्स पर किया पोस्ट
इस मामले को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट किया कि नाइंसाफी और भ्रष्टाचार की अति की ही ये परिणति है। भाजपा ने शिक्षा का माहौल पूरी तरह से बिगाड़ दिया है। पीडीए समाज के लोगों को शिक्षा से वंचित रखने की ये साजिश अब और नहीं चलने वाली। भाजपा जाए तो स्कूल खिलखिलाए।
पूर्व मंत्री बोले, ग्रामीणों ने शिक्षिका के स्कूल न आने की शिकायत की थी
सपा के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह वर्मा ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी और वहां नियुक्त शिक्षिका एक ही जनपद के रहने वाले हैं। शिक्षिका काफी समय से स्कूल नहीं आ रही थीं। प्रधानाध्यापक के ऊपर दबाव था। महीने में एक दिन आएंगी और हाजिरी पूरे महीने की लगवा लेना। शिक्षिका को सीतापुर अटैच किया गया था। मेरी खुद बीएसए से टेलीफोन पर बात हुई थी। अगले दिन शिक्षिका का फोन मेरे पास आ गया। प्रधानाध्यापक को टॉर्चर किया जा रहा था। शायद इसी कारण शिक्षक हिंसक हुआ।
नोटिस का जवाब देने गए थे प्रधानाध्यापक
प्रधानाध्यापक बृजेंद्र कुमार वर्मा ने 18 सितंबर को सहायक अध्यापिका अवंतिका गुप्ता को नोटिस दिया, जिसमें जिक्र किया कि आप बीएसए के निर्देश के अनुसार 17 से 22 जुलाई तक सैद्धांतिक परीक्षा व 28 जुलाई से 20 अगस्त तक परीक्षाओं के उड़नदस्ते में शामिल रहीं। 21 अगस्त से 20 सितंबर तक आप जहां भी रहीं, उस संस्था के प्रभारी का प्रमाणित प्रमाणपत्र उपलब्ध करवाएं। इसके बाद ही उपस्थिति पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। यह नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। शिक्षिका ने इसे अपना अपमान बताते हुए बीएसए से शिकायत की। उसी शिकायत पर जवाब देने के लिए बृजेंद्र कुमार वर्मा को मंगलवार को बीएसए ने कार्यालय बुलाया था।
विवाद की जड़ क्या?
सीतापुर के प्राथमिक विद्यालय नदवा के प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा के विरुद्ध 24 जुलाई को जनसुनवाई पोर्टल पर हैलेपारा ग्राम पंचायत के फूलचंद्र सिंह ने वित्तीय अनियमितता की शिकायत की थी। आरटीई के तहत विद्यालय में कंपोजिट ग्रांट के आय-व्यय का ब्योरा तलब किया। इसपर बीएसए ने 26 अगस्त को प्रधानाध्यापक को पत्र जारी कर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जवाब देने के लिए कहा।
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सूत्रों के अनुसार यह शिकायत प्रधानाध्यापक की छवि को धूमिल करने के लिए की गई थी। इसमें प्रधानाध्यापक बेदाग निकले। इसके बाद इसी स्कूल के शिक्षक संतोष कुमार वर्मा पर सोशल मीडिया पर राजनीतिक पोस्ट करने व विद्यालय में नियमित रूप से उपस्थित न रहने का आरोप लगा। इसकी शिकायत विधायक महमूदाबाद आशा मौर्या ने बीएसए से की। इस पर शिक्षक को निलंबित कर दिया गया। स्कूल में बची एकमात्र शिक्षिका अवंतिका गुप्ता को बीएसए ने प्रतियोगी परीक्षा के उड़नदस्ते में शामिल करा दिया। शिक्षक संतोष के निलंबित होने व अवंतिका गुप्ता के अटैच होने से विद्यालय में पढ़ाई बाधित होने लगी।
प्रधानाध्यापक ने शिक्षिका अवंतिका गुप्ता को पत्र भेजकर अटैच करने संबंधी कागजात मांग लिए। यही बात पूरे विवाद की जड़ बन गई। अवंतिका को नोटिस देने से नाराज बीएसए ने प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा को व्यक्तिगत रूप से कार्यालय में उपस्थित होकर जवाब देने के लिए कहा। बृजेंद्र बीएसए कार्यालय पहुंचे तो बात मारपीट तक पहुंच गई।
वायरल ऑडियो बना चर्चा का विषय
सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हो रहा है। जो चर्चा का विषय बना हुआ है। इसमें एक शिक्षक व एक अधिकारी आपस में बात कर रहे हैं।
अधिकारी- क्या नाम है आपका?
शिक्षक- अपना नाम बताता है।
अधिकारी- मेरे पिताजी के एक मित्र हैं। उनकी बेटी शायद आपके यहां कार्यरत हैं।
शिक्षक- हां… हां…. वह शिक्षिका का नाम बताते हैं।
अधिकारी- वह भी हामी भरते हैं… कहते हैं उन्हें कुछ मेडिकल कंडीशन है इसीलिए आपको बुलाया है। अभी कुछ दिन देखते रहिएगा कि विद्यालय न आ पाए तो…
शिक्षक- सर ये तो बड़ा कठिन है।
अधिकारी- क्या दिक्कत है?
शिक्षक- दिक्कत यह है कि अभी मेडिकल पर हैं। फिर भी गांव वाले चरस बोए हैं।
अधिकारी- गांव वाले क्या कह रहे हैं?
शिक्षक- पूछ रहे हैं कि मैडम स्कूल क्यों नहीं आ रहीं हैं? ठीक है। दसियों लोग पूछ चुके हैं।
अधिकारी- आप उसी गांव के हैं?
शिक्षक- नहीं नहीं! मैं उस गांव का नहीं, बिसवां के पास का हूं। अभी जब ये हाल है तो क्या किया जाए। लड़ाकू गांव है।
अधिकारी- गांव की चिंता आप मत कीजिए। गांव की चिंता हमको करनी है।