उत्तर प्रदेश समेत देश के 12 राज्यों में चुनाव आयोग स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) करा रहा है। विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में मुख्य तौर पर समाजवादी पार्टी SIR का विरोध कर रही है। सपा का कहना है कि इसमें लाखों लोगों के नाम काटे जा रहे हैं। इस बीच एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा के कन्नौज से पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने कह दिया कि SIR समाजवादी पार्टी के ताबूत पर आखिरी कील साबित होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि इसके बाद सपा दूरबीन लगाकर ढूंढने पर भी नहीं मिलेगी। वहीं अब सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पलटवार किया है।
पूर्व भाजपाई सांसद का बयान बेहद आपत्तिजनक- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने X पर एक पोस्ट में कहा, “कन्नौज के पूर्व भाजपाई सांसद का बयान बेहद आपत्तिजनक है, क्या वो जायज वोटों को कटवाने की सलाह दे रहे हैं। चुनाव आयोग तत्काल संज्ञान ले। काले कारनामों का काला चश्मा लगाए, ये महानुभाव बोलते समय भूल गये कि ये जो कह रहे हैं वो उन्हीं के दल के भाजपाई मुख्यमंत्री जी से उल्टी बात है। माननीय मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में जैसे ही ये बात आएगी वो इनकी क्लास लगा देंगे और उनसे बच गये तो दूर बैठे दूरबीन वाले इनको बुला लेंगे क्योंकि दूरबीन का इस्तेमाल करने के डॉयलॉग पर उनका एकाधिकार है। अब ये बेचारे भागे-भागे फिरेंगे कि किस-किस से बचें। चुनाव आयोग से, लखनऊवालों से या दिल्लीवाले ‘द्वितीय’ से।”
अखिलेश यादव ने शेयर किया वीडियो
अखिलेश यादव ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें बीजेपी के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं। इसमें वह कह रहे हैं कि अगर हम लोगों ने SIR को लेकर गंभीरता से ध्यान दिया, तो समाजवादी पार्टी को काफी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि हमने लखनऊ में समीक्षा बैठक की और उसमें कन्नौज जनपद की तीन सीटों पर करीब 3 लाख नाम कटने वाले हैं।
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सुब्रत पाठक का क्या है आरोप?
सुब्रत पाठक ने कहा कि यह तो सिर्फ तीन विधानसभा का जिक्र है। उन्होंने कहा कि कन्नौज लोकसभा में अभी दो और विधानसभा सीट आती है और सोचो यह नाम कट जाएंगे तो अखिलेश यादव जीते कितने वोट से थे? सुब्रत पाठक ने कहा कि जिस बूथ पर बीजेपी का वोट होता है, वहां पर सारी ताकत लगाने के बाद भी पोलिंग 55 से 60 फ़ीसदी ही होती है। लेकिन जो बूथ सपा का होता है वहां पर पोलिंग 90 फ़ीसदी तक चली जाती है। उन्होंने बिधूना विधानसभा का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां पर 90 बूथों पर पोलिंग 90 से 95 फीसदी हुई थी।
बना दें कि सुब्रत पाठक 2014 में कन्नौज से पहली बार लड़े थे और करीबी मुकाबले में डिंपल यादव के सामने चुनाव हार गए थे। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने डिंपल यादव को हरा दिया था। इसके बाद 2024 में अखिलेश यादव के खिलाफ वह चुनाव लड़े और हार गए। पढ़ें यूपी में SIR के बीच बीजेपी ने नेताओं को दिए यह निर्देश
