मध्य प्रदेश के मंत्री बिसाहूलाल सिंह अपने बयान के चलते इन दिनों सुर्खियों में हैं। शिवराज सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान महिलाओं की अधिकारों की बात करते हुए कहा कि ठाकुरों के घर की महिलाओं को घर से निकाल कर काम करवाना चाहिए ताकि समाज में समानता बनी रहे। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े लोग वो सब अपने घर की औरतों को कोठरी में बंद कर देते हैं।
सर्वजन सुखाय सामाजिक संस्था ने नारी रत्न सम्मान समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जितने बड़े-बड़े लोग हैं, ठाकुर ठकार और दूसरे सवर्ण लोग, वो अपनी औरतों को कोठरी में बंद करके रखते हैं। बाहर निकलने ही नहीं देते, जितना धान काटने, आंगन लीपने, गोबर फेंकने के काम हैं, ये सब हमारे गांव की महिलाएं करती हैं। उन्होंने कहा जब महिलाओं और पुरुषों का बराबर अधिकार है, तो दोनों को बराबरी से काम भी करना चाहिए।
बिसाहूलाल ने कहा कि सब अपने अधिकारों को पहचानो और पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करो और बड़ें लोगों की महिला बाहर न निकले तो पकड़-पकड़कर उन्हें बाहर निकालो, तभी तो महिलाएं आगे बढ़ेंगी। उनके बयान का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस वीडियो के साथ ही महिलाओं के अधिकारों पर बहस को हवा मिल गई। साथ ही बिसाहूलाल के बयान पर भी विवाद गहरा गया। सोशल मीडिया यूजर्स का मानना है कि उनकी नियत ठीक हो सकती है लेकिन इरादे नहीं, वहीं कुछ लोगों ने इसे सर्वणों और ठाकुरों का अपमान बताया।
पुनीत अरोड़ा (@Puneet__arora)नाम के यूजर लिखते हैं कि यह पहला मौका नहीं है जब बिसाहूलाल के बयान पर विवाद हुआ हो, इससे पहले भी वह कांग्रेस नेता की पत्नी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुके हैं, उन्होंने इस दावे के साथ एक स्थानीय न्यूज पोर्टल का लिंक भी साझा किया। वहीं प्रवीन कुमार ठाकुर (@Pktdadhwal) लिखते हैं कि कुछ राजनीतिज्ञों की राजनीति राजपूतों के विरोध पर ही टिकी हुई है। तो ऋषि शांडिल्य (@Sndilya008) ने बताया कि बिसाहू कुछ दिनों पहले कांग्रेस में थे, इसलिए वह ऐसे बयान दे रहे हैं।