Uttar Pradesh Assembly: उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव को आगे की सीट नहीं मिली। विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की मांग को ठुकरा दिया है। जिसके बाद अब चाचा शिवपाल को भतीजे अखिलेश के विधायकों के साथ ही बैठना होगा। हालांकि, विधानसभा में सपा के लिए एक सीट बढ़ाई गई है। हालांकि विधानसभा में सपा के लिए 1 सीट बढ़ाई गई है।

यूपी विधानसभा में सपा के पास अब आगे की लाइन में 5 सीटें हो गई हैं, लेकिन वरिष्ठता और अलग पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर शिवपाल यादव को आगे की लाइन में सीट नहीं मिल सकेगी। उन्हें विधायक के तौर पर ही सीट मिलेगी। दरअसल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख कर कहा था कि शिवपाल सिंह यादव यूपी विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य हैं और एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। ऐसे में उन्हें आगे की सीट दी जाए।

शिवपाल यादव को आगे की सीट नहीं मिलेगी: तकनीकी आधार पर अखिलेश यादव का पत्र ग़लत होने के चलते शिवपाल यादव को आगे की सीट नहीं मिलेगी। सपा को बता दिया गया है कि शिवपाल को सिर्फ समाजवादी पार्टी के विधायक के तौर पर ही सीट मिल सकती है। जिसके बाद समाजवादी पार्टी को आवंटित सीटों में से एक सीट शिवपाल को देने का फ़ैसला अब सपा विधानमंडल दल के नेता अखिलेश यादव को ही करना होगा.

सदन के नेता प्रतिपक्ष की सीट सबसे आगे: दरअसल, यूपी विधानसभा में ई-सिस्टम लागू होने के चलते सभी सदस्यों के बैठने का स्थान निश्चित कर दिया गया है। सदस्य की सीट पर लगा लैपटॉप तभी चालू होगा जब अपनी तय सीट पर बैठेंगे। सदन के नेता प्रतिपक्ष की सीट सबसे आगे रहती है, जिस पर अखिलेश यादव बैठते हैं। उनके पीछे की पंक्ति में शिवपाल यादव बैठते हैं। चूंकि विपक्ष में सपा ही मुख्य दल है। ऐसे में सपा समय-समय पर अपने सदस्यों को आगे बैठाने के लिए स्पीकर से अनुरोध करती रहती है।

इटावा जिले के जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल यादव ने भी इससे पहले विधानसभा के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर सीट बदलने का अनुरोध किया था। शिवपाल ने भतीजे अखिलेश यादव से अनबन के बाद अपनी अलग पार्टी बना ली थी, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले दोनों में समझौता हो गया था।