आगामी लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और भाजपा के खिलाफ महागठबंधन की सुगबुगाहट जारी है। हालांकि अभी तक इस दिशा में कोई खास प्रगति हुई हो, इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आयी है। इसी बीच देश के सबसे बड़े सूबे से ऐसी खबरें आ रही हैं कि शिवपाल यादव, कांग्रेस के साथ हाथ मिला सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, शिवपाल यादव की अगुवाई वाली पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी, कांग्रेस के साथ संभावित गठबंधन को लेकर अपनी संभावनाएं तलाश रही है। इंडिया टुडे की एक खबर के अनुसार, अगस्त, 2018 में नई पार्टी के गठन के बाद से ही शिवपाल यादव कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोशिशों में लगे हैं। खबर के अनुसार, बीते 2 दिन पहले ही शिवपाल यादव ने कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के साथ मुलाकात की। यह मुलाकात काफी देर तक चली। इस मीटिंग के बाद से ही शिवपाल यादव के आगामी चुनावों में कांग्रेस के साथ जाने की संभावना जतायी जा रही है।
बता दें कि यादव परिवार में झगड़े के बाद शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर एक नई राजनैतिक पार्टी का गठन किया है। जिससे समाजवादी पार्टी का जनाधार दो खेमों में बंटा हुआ दिखाई दे रहा है। समाजवादी पार्टी की कमान अखिलेश यादव के हाथों में है और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का नेतृत्व शिवपाल यादव कर रहे हैं। यादव परिवार में झगड़े की शुरुआत साल 2016 में उस वक्त हुई थी, जब सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव से पार्टी अध्यक्ष का पद ले लिया था। इसके जवाब में अखिलेश यादव ने बतौर मुख्यमंत्री, शिवपाल यादव से अहम मंत्रालयों की कमान छीन ली थी। साल 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान शिवपाल यादव की सक्रियता कम रही। इस तरह धीरे-धीरे शिवपाल समाजवादी पार्टी में साइडलाइन ही हो गए।
अगस्त 2018 में शिवपाल यादव ने अपने खुद की राजनैतिक पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया। शुरुआत में शिवपाल यादव के भाजपा के साथ जाने की खबरें भी चर्चा में रहीं थी। लेकिन अब मिल रही जानकारी के अनुसार, शिवपाल यादव अपने भतीजे अखिलेश यादव को पटखनी देने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकते हैं। कांग्रेस को जहां इससे उत्तर प्रदेश में एक क्षेत्रीय दल का साथ मिल जाएगा, वहीं शिवपाल यादव के लिए इस गठबंधन से सत्ता में भागीदारी की संभावनाएं बन सकती हैं! बता दें कि कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा के खिलाफ महागठबंधन बनाना चाहती है। हालांकि उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी इस महागठबंधन में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रही हैं। दरअसल सपा उत्तर प्रदेश में अपनी धुर विरोधी रही पार्टी बसपा के साथ गठबंधन कर सकती है। दोनों पार्टियों ने पिछले कुछ उपचुनाव भी साथ ही लड़े थे, जिनका उन्हें फायदा भी मिला था।