प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने अपने एक बयान में कहा है कि ‘मैं चाहता हूं कि सभी समाजवादी नेता एकजुट हों और इसके लिए मैं पहले ही कह चुका हूं कि मैं सबकुछ बलिदान करने के लिए तैयार हूं। जनता जैसा फैसला करेगी उसके आधार पर हम 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।’ शिवपाल यादव के इस बयान को सपा में विलय की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि शिवपाल सिंह यादव द्वारा लंबे समय से सपा के साथ विलय की कोशिश की जा रही है। हालांकि अभी तक अखिलेश यादव की तरफ से ऐसी कोई पहल नहीं की गई है।
शनिवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने इटावा के शहीद स्मारक पहुंचे प्रसपा मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने मीडिया से बात करते हुए उक्त बात कही। इसके बाद ट्विटर पर भी शिवपाल यादव ने यह बात कही। बीते नवंबर में भी सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर शिवपाल सिंह यादव ने प्रदेश भर में एकता दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था। इसे भी शिवपाल सिंह यादव की अखिलेश यादव के साथ मतभेद को भुलाकर एकजुट होने की कोशिश के रूप में देखा गया था।
बता दें कि जनवरी 2017 में अखिलेश यादव के सपा अध्यक्ष बनने के बाद उनके और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच मतभेद उभर आए थे। इसके बाद कई दिनों तक सपा पार्टी और मुलायम सिंह यादव के परिवार में कलेश का दौर चला। जिसके बाद अक्टूबर 2018 में शिवपाल सिंह यादव ने सपा से अलग होकर अपनी नई पार्टी का गठन किया था।
शिवपाल सिंह यादव ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर भी निशाना साधा है। शिवपाल यादव ने कहा है कि योगी सरकार नौकरशाही के सहारे चल रही है, सत्ताधारी दल के विधायक पिट रहे हैं और सरकार खामोश है। विधायकों की कोई सुनने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि महंगाई चरम पर है और गरीब परेशान है। गरीबों के हित की लड़ाई और देश और प्रदेश के विकास के लिए सभी समाजवादियों को एकजुट होना पड़ेगा।