प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने और उनकी तारीफ करने के एक सप्ताह बाद, राकांपा प्रमुख शरद पवार ने नोटबंदी और 98,000 करोड़ रुपए की लागत वाली बुलेट ट्रेन परियोजना के मुद्दे पर आज राजग सरकार पर निशाना साधा। अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले बीएमसी चुनाव के मद्देनजर घाटकोपर में एक रैली में पवार ने आरोप लगाया कि नोटबंदी के बहाने मोदी सरकार लोगों को परेशान कर रही है। लेकिन लोग इसका जवाब उनकी पार्टी के खिलाफ मतदान कर देगें।’ राकांपा नेता ने कहा, ‘‘सरकार को मुंबई में लोकल ट्रेनों में सफर करने वाले करीब लाखों लोगों की चिंता नहीं है। 98,000 करोड़ रुपए में मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई की ट्रेनों को संचालित किये जा सकते हैं लेकिन मोदी को अहमदाबाद जाने की जल्दी है।’ नोटबंदी के मुद्दे पर पवार ने कहा, ‘‘अगर इस तरह की स्थिति जारी रही, तो आम लोगों का जीवित रहना मुश्किल हो जाएगा।’ उन्होंने कहा कि मोदी के फैसले के चलते देश आर्थिक आपातकाल की गिरफ्त में है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5,00 व 1,000 रुपए के पुराने नोट बंद करने की वजह से ट्रांसपोर्ट का धंधा खासा मंदा हो गया है। फसल गोदामों में पड़े-पड़े सड़ जा रही है। गुजरात के वडोदरा जिले में पद्रा तालुका में हजारों टन बैंगन और लौकी प्लास्टिक के बैग्स में पैक होकर डिस्पैच करने के लिए पड़ी है। यह माल मुंबई और दिल्ली भेजा जाना है, वेंडर्स ने मांग में कमी के चलते अपने ऑर्डर्स कैंसिल कर दिए हैं। पद्रा की APMC (एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केट कमेटी) 90 गावों के करीब 900 काश्तकारों से माल लेती है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और गुजरात के बड़े शहरों में 90 से 10 टन सब्जियां सप्लाई की जाती है। वेजिटेबल्स ट्रेडर्स एसोसिएशन, पद्रा के अध्यक्ष दिनेश गांधी कहते हैं, ”यह पीक सीजन है और हम सिर्फ दिल्ली और मुंबई में ही करीब 100 टन सब्जियां सप्लाई करते हैं, लेकिन पिछले सप्ताह भर में हमें मुंबई के वेंडर्स से कोई ऑर्डर्स नहीं मिले है। उन्होंने करीब 60 टन के ऑर्डर कैंसिल कर दिए हैं। बैंगन पहले ही भेजे जा चुके हैं, लेकिन हमें उन्हें बीच में ही नष्ट करना पड़ा क्योंकि कीमत 1 रुपए से भी नीचे आ गई थी।”