उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और पूर्व मंत्री की बहू से मोबाइल फोन पर कॉल कर रंगदारी मांगी गई है। रंगदारी मांगने वाले शख्स ने कहा मैं तिहाड़ से नीरज बवाना का शूटर बोल रहा हूं। इस शख्स ने अर्चना वर्मा के पति राजेश वर्मा को भी फोन कर रंगदारी की मांग की है। रंगदारी मांगने वाले शख्स ने कहा है कि अगर रंगदारी की रकम नहीं मिली तो वो पति सहित उनके पूरे परिवार की हत्या कर देगा। इस धमकी के बाद से अर्चना वर्मा का पूरा परिवार दहशत में है।
अर्चना वर्मा के ससुर राम मूर्ति वर्मा समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। गुरुवार दोपहर लगभग दो बजे के करीब यूपी के पूर्व मंत्री राममूर्ति वर्मा की बहू अर्चना वर्मा को एक अननोन नंबर से कॉल आई जिसमें कॉल करने वाले शख्स ने कहा, मैं तिहाड़ जेल से बोल रहा हूं चुनाव लड़ना हो तो पैसे अकाउंट में ट्रांसफर कर दो वरना चुनाव नहीं लड़ पाओगी चुनाव में इतना पैसा खर्च करती हो मैं तो सिर्फ 10 लाख रुपये ही मांग रहा हूं।’
पति राजेश वर्मा ने दर्ज करवाई शिकायत
अर्चना वर्मा के पास ये फोन आने के बाद से वो परेशान हो गईं और उन्होंने ये बात अपने पति को बताई। फोन करने वाले शख्स ने ये भी कहा था कि अगर अगले दो दिनों में ये पैसा ट्रांसफर नहीं किया तो देख लेना क्या होता है? उन्होंने अपने पति को फोन कर सारी बात बताई। पति राजेश वर्मा ने जाकर पुलिस में इस मामले की शिकायत दर्ज करवाई और मामले में कार्रावाई की मांग की है।
पुलिस को दिए ऑडियो सबूत
पुलिस ने मामले के बारे में सुना और ऑडियो क्लिप भी अपने पास ली अब पुलिस ने पीड़ित परिवार की शिकायत पर आश्वासन दिया है कि जल्दी से जल्दी इस आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वहीं अर्चना वर्मा ने बताया कि उन्हें किसी बात का डर नहीं है परिवार में सब अलर्ट मोड पर हैं। थाना प्रभार धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि यूपी के पूर्व मंत्री के बेटे राजेश वर्मा और उनकी पुत्रवधु अर्चना वर्मा को फोन पर रंगदारी के साथ जान से मारने की धमकी दी गई है।
अर्चना साल 2005 में बनी थीं जिला पंचायत अध्यक्ष
राजेश वर्मा ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा था। उनके पिता स्वर्गीय राममूर्ति वर्मा का लंबा सियासी करियर रहा है। वो चार बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं। साल 2005 में राजेश वर्मा की पत्नी अर्चना वर्मा ने सपा के टिकट पर जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था और वो ये चुनाव जीतकर जिला पंचायत अध्यक्ष बनी थीं.