UP Politics: यूपी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने दो सीटों पर जीत हासिल की। जिसमें मैनपुरी की करहल तो दूसरी सीट कानपुर की सीसामऊ सीट शामिल हैं। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब समाजवादी पार्टी ने चुनावी जीत का श्रेय पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के अलावा किसी और लोकप्रियता को दिया है।

समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को जारी ताजा बुलेटिन में करहल विधानसभा उपचुनाव में अपनी जीत का श्रेय मैनपुरी से सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को दिया है। पार्टी के मुखपत्र में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डिंपल ने करहल उपचुनाव में राजनीतिक परिपक्वता की मिसाल कायम की, पार्टी के प्रचार की कमान संभाली, निर्वाचन क्षेत्र में डेरा डाला और उनकी लोकप्रियता और विशेष रणनीतिक कौशल ने भाजपा सरकार की चालों को हरा दिया। बता दें, अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव ने पिछले महीने करहल से उपचुनाव जीता था, जो मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

वहीं डिंपल यादव ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी भाजपा द्वारा कांग्रेस के खिलाफ उठाए गए “सोरोस मुद्दे” या कांग्रेस द्वारा उठाए गए “अडानी मुद्दे” से सहमत नहीं है।

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार डिंपल यादव ने संवाददाताओं से कहा कि सदन चल रहा है। आज सदन में कामकाज हुआ और हमें उम्मीद है कि यह चलता रहेगा। हम न तो सोरोस मुद्दे के साथ हैं और न ही अडानी मुद्दे के साथ। हमारा मानना ​​है कि सदन चलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि दोनों पक्षों के लोग सदन के कामकाज के प्रति समर्पण दिखाएंगे। शुक्रवार और शनिवार को संविधान पर चर्चा होगी। समाजवादी पार्टी चाहती है कि सदन चले। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इससे पहले कहा था कि विपक्ष सदन की कार्यप्रणाली का समर्थन करता है और 13 दिसंबर को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संविधान पर बहस चाहता है।

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राहुल गांधी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि मैंने स्पीकर के साथ बैठक की। मैंने उनसे कहा कि मेरे खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों को हटाया जाना चाहिए। स्पीकर ने कहा कि वह इस पर गौर करेंगे। हमारा उद्देश्य है कि सदन चलना चाहिए और सदन में चर्चा होनी चाहिए। चाहे वे मेरे बारे में कुछ भी कहें, हम चाहते हैं कि 13 दिसंबर को बहस होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि भाजपा उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ आरोपों पर चर्चा नहीं चाहती। उन्होंने कहा कि वे अडानी पर चर्चा नहीं चाहते हैं। अंत में, हम इसे नहीं छोड़ेंगे। वे हम पर आरोप लगाते रहेंगे, लेकिन सदन चलना चाहिए।

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