मध्यप्रदेश के शहडोल संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में कांग्रेस के पक्ष में प्रचार के दौरान लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक एवं ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जनता में अपनी ‘महाराज’ की प्रसिद्ध छवि के विपरीत चूल्हे पर न सिर्फ रोटी सेंकी बल्कि आम आदमी की तरह आदिवासियों के साथ भोजन भी किया और उनके पारम्परिक नृत्य में भी शामिल हुए। सिंधिया, राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद प्रसिद्ध वकील विवेक तन्खा के साथ कल से अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये सुरक्षित आदिवासी बहुल शहडोल लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। सिंधिया ने संसदीय क्षेत्र के मड़वाही गांव से फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को आज बताया, ‘इनसे :आदिवासी: मिलने पर मुझे बेहद अच्छा लगा और आगे भी जब मुझे मौका मिलेगा मैं आदिवासियों के साथ ऐसे ही मिलना-जुलना पसंद करूंगा।’ कांग्रेस नेता ने एक आदिवासी ग्रामीण कुसुम सिंह गोंड के घर पर रात गुजारी और आम लोगों की तरह ही ग्रामीणों के साथ रात का भोजन भी किया।
सिंधिया ने आदिवासी ग्रामीणों के साथ कदमताल करते हुए पारम्परिक नृत्य किया और उनकी मांदर :ढोलक: भी बजाई। इससे पहले भी सिंधिया अपने लोकसभा क्षेत्र गुना में यात्रा के दौरान गरीब ग्रामीणों के साथ भोजन कर चुके हैं। ग्वालियर के राजपरिवार से जुड़े होने के कारण सिंधिया जनता में अपनी महाराज की छवि के साथ जाने जाते हैं। अपनी इसी छवि को समाप्त करने के उद्देश्य से सिंधिया इन दिनों मध्यप्रदेश की आम जनता से अधिक घुलने-मिलने लगे हैं।