यूपी के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी भले ही जेल में बंद हों, दर्जनों मामले दर्ज हों, लेकिन राजनीतिक कद में कमी होती नहीं दिख रही है। असुद्दीन ओवैसी की पार्टी पहले से ही अंसारी पर डोरे डाल रही थी, अब सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने उनसे जाकर जेल में मुलाकत की है।

मुख्तार अंसारी से जेल में मिलने पहुंचे ओम प्रकाश राजभर की पुलिस से नोकझोंक भी हो गई। राजभर और अंसारी की इस मुलाकात पर बीजेपी ने हमला बोलते हुए कहा है कि राजभर दलाली करते-करते डीलर बन गए हैं। राजभर ने बुधवार को बांदा जेल में बंद माफिया डॉन से नेता बने मुख्तार अंसारी से मुलाकात की। मऊ से पांच बार के विधायक मुख्तार के खिलाफ न केवल यूपी में बल्कि अन्य राज्यों में भी 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।

कुछ दिन पहले ही अगले विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान कर चुके राजभर ने इस मुलाकात के बाद कहा कि उन्होंने अंसारी के साथ राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की और उन्हें यूपी चुनाव में लड़ने के लिए टिकट की भी पेशकश की। उन्होंने कहा- “मेरे उनके साथ पिछले 19 साल से राजनीतिक संबंध हैं। बीजेपी उन्हें माफिया कहती है लेकिन यूपी सरकार में एक तिहाई लोग अपराधी हैं। वह अपने दम पर चुनाव जीत सकते हैं। वह जहां भी चुनाव लड़ने का फैसला करेंगे, मैं व्यक्तिगत रूप से उनका समर्थन करूंगा”।

जेल में मुलाकात के लिए जाते समय, राजभर की गाड़ी की तलाशी भी ली गई, जिसपर उन्होंने प्रशासन पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा- “मेरे सामने बीजेपी नेताओं की कई गाड़ियां निकलीं, उसकी तलाशी नहीं ली गई। चेकिंग के दौरान हमारे साथ अपराधी जैसा बर्ताव किया गया”।

वहीं इस मुलाकात पर बीजेपी ने राजभर पर बड़ा हमला बोला है। यूपी सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने कहा- “सपा के जाल में फंसकर माफियाओं की राजनीति की दलाली करते-करते ओमप्रकाश राजभर डीलर बन गए। अब एजेंट बनकर काम कर रहे हैं। इनका काम यही रह गया है। गरीबों के सपनों के सौदागर बन अपने और अपने परिवार के लिए राजनीति कर रहे हैं”।

इससे पहले राजभर ने मुख्तार अंसारी को लेकर कहा था कि “चाहे भाजपा, सपा, बसपा, या पूर्वांचल में कांग्रेस के नेता हों, जो भी चुनाव जीतना चाहता है वह मुख्तार अंसारी से आशीर्वाद लेता है। वह उसके बाद ही चुनाव जीतता है”। मुख्तार अंसारी बसपा से विधायक हैं, बसपा प्रमुख मायवती पहले ही घोषणा कर चुकी है कि अंसारी समेत किसी भी माफिया को इस बार उनकी पार्टी टिकट नहीं देगी। मायवती की इस घोषणा के बाद से ही कई पार्टियां, अंसारी को अपने पक्ष में करने की कोशिश करती दिख रही हैं।