ईडी ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी (MSC) बैंक घोटाले के मामले में PMLA कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस मामले में शरद पवार के परिवार को भी जांच के दायरे में लिया गया था लेकिन अब अजित पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा के नाम ईडी की चार्जशीट से हटा दिए गए हैं।

शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा है कि इससे साफ तौर पर दिखाई देता है कि भाजपा ED और CBI का दुरुपयोग कर रहे हैं। इन्हें पवार परिवार के खिलाफ कुछ नहीं मिला है।

क्या बोले संजय राउत?

शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा कि साफ दिखाई देता है कि भाजपा ईडी और सीबीआई का गलत इस्तेमाल कर रही है। उन्होने कहा “आपने जांच शुरू की, पवार परिवार और उनके रिश्तेदारों को परेशान किया और उनके परिसरों पर छापा मारा। अब आपको चार्जशीट में उनका नाम लेने के लिए उनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिलता है। यह स्पष्ट है कि इस मामले में भी ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग किया गया था”

क्या था मामला?

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में 1 जुलाई 2021 को बताया था कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (MSCB) से संबंधित मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जरांदेश्वर सहकारी शुगर की जमीन, बिल्डिंग, प्लांट और मशीनरी समेत कंपनी की 65,75,00,000 रुपये की संपत्तियों को कुर्क किया गया है। ये शुगर मिल चिमनगांव, कोरेगांव, सतारा में मौजूद है।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बताया था कि ये संपत्तियां गुरु कमोडिटी सर्विसेज प्राइवेट के नाम पर हैं। इन्हें जरंदेश्वर शुगर मिल्स को पट्टे पर दिया गया था। स्पार्कलिंग सॉइल प्राइवेट लिमिटेड के पास इस शुगर मिल के सबसे ज्यादा शेयर हैं। ईडी ने जांच के मुताबिक कहा था कि स्पार्कलिंग सॉइल अजित पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा से संबंधित कंपनी है। जिसके बाद पवार परिवार भी जांच के घेरे में आ गया था।