पिछले कुछ हफ्तों से संभल सुर्खियों में छाया हुआ है। इस बीच संभल जिला प्रशासन वक्फ की प्रॉपर्टी को लेकर सख्त हो गया है। संभल में मौजूद सभी वक्फ प्रॉपर्टी की जिला प्रशासन जांच कराएगा। इसके लिए दो सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया गया है। बता दें कि इससे पहले एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने संभल में बन रही पुलिस चौकी की जमीन को वक्फ की प्रॉपर्टी बताया था।

ओवैसी ने किया था दावा

ओवैसी ने कहा था कि संभल की जिस जमीन पर चौकी बन रही है, वह वक्फ की प्रॉपर्टी है। ओवैसी के दावे के बाद यह मामला सुर्खियों में आया था। संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया ने कहा है कि एक जमीन को लेकर पेश किए गए दस्तावेज रजिस्टर्ड नहीं है। यह जमीन नगर निगम के अंडर आती है। चौकी के लिंटर का काम लगभग पूरा हो चुका है।

असदुद्दीन ओवैसी ने X पर दस्तावेज शेयर करते हुए कहा था, “संभल की जामा मस्जिद के पास जो पुलिस चौकी बनाई जा रही है, वह वक्फ की जमीन पर है, जैसा कि रिकॉर्ड में दर्ज है। प्राचीन स्मारक अधिनियम के तहत संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण कार्य प्रतिबंधित है। नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ संभल में खतरनाक माहौल बनाने के ज़िम्मेदार हैं। यह वक्फ नंबर 39-A, मुरादाबाद है। यह उस ज़मीन का वक्फनामा है, जिस पर पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार को क़ानून का कोई एहतराम नहीं है।”

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झूठ फैलाने वालों के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा

इस पूरे घटनाक्रम पर संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में झूठ फैलाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। बता दें कि ये पुलिस चौकी जामा मस्जिद के पास ही बन रही है। इसी जामा मस्जिद को लेकर नवंबर महीने में हिंसा भी हुई थी। पुलिस और स्थानीय लोगों में झड़प हुई थी। इसके बाद यहां पर एक पुलिस चौकी बनाने का प्रस्ताव रखा गया था।

एसपी कृष्ण बिश्नोई ने कहा, “मामले में अज्ञात के खिलाफ संभल कोतवाली में मुकदमा रजिस्टर किया जा रहा है। इसके अलावा पूरे जिले में भी इसका उल्लंघन किया जा रहा है और जहां भी इस तरह का उलझन सामने आएगा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। मैं संभल के लोगों से भी अपील करना चाहूंगा कि अगर कहीं पर भी वक्फ से संबंधित कोई जमीन बेची गई है, हम लोग उन सभी प्रॉपर्टी की जांच कराएंगे।” पढ़ें संभल में बावड़ी की बीच में ही क्यों रोकनी पड़ी खुदाई?