BSP Chief Mayawati: बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को सपा चीफ अखिलेश यादव पर जोरदार हमला बोला है। गुरुवार को बसपा के संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में जुटी मायावती ने सपा द्वारा इसी दिन किए जाने वाले आयोजनों को छलावा करार दिया है। मायावती ने सपा और कांग्रेस को घोर जातिवादी और कांशीराम का विरोधी करार देते हुए बहुजन समाज से सावधान रहने की अपील की है।
मायावती ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “देश में जातिवादी व्यवस्था के शिकार करोड़ों दलित, आदिवासी व अन्य पिछड़े बहुजनों को शोषित से शासक वर्ग बनाने के बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मिशनरी आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट के कारवाँ को ज़िन्दा करके उसे नई गति प्रदान करने वाले बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) के जन्मदाता एवं संस्थापक मान्यवर कांशीराम जी के प्रति विरोधी पार्टियों में भी ख़ासकर समाजवादी पार्टी व कांग्रेस आदि इन पार्टियों का रवैया हमेशा से घोर जातिवादी एवं द्वेषपूर्ण रहा है, जो कि सर्वविदित है, इसीलिये आगामी 9 अक्टूबर को उनके परिनिर्वाण दिवस पर संगोष्ठी आदि करने का सपा प्रमुख की घोषणा घोर छलावा व लोगों को स्पष्टतः इनके मुँह में राम बग़ल में छुरी की कहावत को चरितार्थ करने वाला ज्यादा लगता है।”
बसपा चीफ ने आगे लिखा कि सपा ने ना केवल मान्यवर कांशीराम जी के जीते-जी उनके पार्टी के साथ दग़ा करके उनके मूवमेन्ट को यूपी में कमज़ोर करने की लगातार कोशिशें कीं हैं, बल्कि बी.एस.पी. सरकार द्वारा दिनांक 17 अप्रैल सन् 2008 को अलीगढ़ मण्डल के अन्तर्गत कासगंज को ज़िला मुख्यालय का दर्जा देकर कांशीराम नगर के नाम से बनाये गये नये ज़िला के नाम को भी जातिवादी सोच व राजनीतिक द्वेष के कारण बदल दिया।
मायावती ने कहा कि इसके अलावा, बहुजनों को शासक वर्ग बनाने के क्रम में यूपी में बी.एस.पी. की सरकार बनाने के उनके अनवरत प्रयास जैसे बेमिसाल योगदान के लिये उनके आदर-सम्मान में मान्यवर श्री कांशीराम जी के नाम से अन्य और भी जो कई विश्वविद्यालय, कालेज, अस्पताल व अन्य संस्थायें आदि बनाये गये उनमें से भी अधिकतर का नाम सपा सरकार द्वारा बदल दिया जाना इनकी घोर दलित विरोधी चाल, चरित्र व चेहरा नहीं तो और क्या है?
यह भी पढ़ें- क्या बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की बढ़ेगी टेंशन?
बसपा प्रमुख ने आगे कहाकि इतना ही नहीं बल्कि उनके देहान्त होने पर पूरा देश व ख़ासकर उत्तर प्रदेश शोकाकुल था, फिर भी सपा सरकार ने यूपी में एक दिन का भी राजकीय शोक घोषित नहीं कियाा। इसी प्रकार कांग्रेस पार्टी की तब केन्द्र में रही सरकार ने भी उनके देहान्त पर एक दिन का भी राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया था, लेकिन फिर भी समय-समय पर संकीर्ण राजनीति व वोटों के स्वार्थ की ख़ातिर सपा व कांग्रेस आदि द्वारा मान्यवर श्री कांशीराम जी को स्मरण करना विशुद्व दिखावा व छलावा का प्रयास किया जाता रहा है। इस प्रकार की गलत जातिवादी व संकीर्ण सोच वाली सपा, कांग्रेस आदि पार्टियों से लोग ज़रूर सजग व सावधान रहें।
बता दें, परिनिर्वाण दिवस पर बसपा द्वारा लखनऊ के कांशीराम स्मारक स्थल पर राज्य स्तरीय आयोजन किया जा रहा है। इसमें लाखों की भीड़ जुटाकर बसपा अपनी शक्ति दिखाने के साथ कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने की तैयारी कर रही है। इस बीच सपा ने भी गुरुवार को जिलों में अपने कार्यालयों पर कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि सभा-संगोष्ठी आदि के आयोजन के निर्देश दिए हैं।
यह भी पढ़ें- ‘मैं केवल अखिलेश से मिलूंगा’, पत्नी का जिक्र कर बोले आजम खान- ईद में वो अकेली बैठी रोती रही लेकिन…