TMC MP Derek O Brien: प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के खिलाफ फर्जी ट्वीट मामले में तृणमूल के प्रवक्ता (TMC Spokesperson) साकेत गोखले (Saket Gokhale) को जमानत मिलने के बाद फिर से गिरफ्तार किया गया है। इस पर टीएमसी सांसद (TMC MP) डेरेक ओ ब्रायन (Derek O Brien) ने चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट को लेकर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, “इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को कठपुतली समझता है।”
चुनाव आयोग पर लगाया आरोप
उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि साकेत गोखले जब गुजरात पुलिस द्वारा दायर एक मामले में जमानत हासिल करने के बाद एयरपोर्ट पर जा रहे थे तो उनको गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन भाजपा नेताओं द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी को नजरअंदाज कर दिया।
उन्होंने पहले आरोप लगाया था कि गोखले को गुजरात पुलिस द्वारा परेशान किया जा रहा है। साकेत गोखले को पुलिस हिरासत के बाद अदालत में पेश किया गया था, जिसके बाद उन्हें जमानत दे दी गई थी, लेकिन मोरबी पुलिस ने उन्हें एक अन्य मामले में फिर से गिरफ्तार कर लिया।
गुजरात पुलिस द्वारा गोखले को प्रताड़ित किए जाने का लगाया आरोप
डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, “गोखले को जमानत मिलने के बाद गुजरात पुलिस प्रताड़ित कर रही है, उन्हें 8 दिसंबर को रात 8.45 मिनट पर दोबारा गिरफ्तार किया गया। उन्हें उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह अहमदाबाद के साइबर पीएस से जा रहे थे। उन्हें बिना किसी वॉरंट के गिरफ्तार कर अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। बहुत ही निंदनीय कृत्य।”
गुजरात पुलिस का कहना है कि गोखले के खिलाफ मामला एक ट्वीट से शुरू हुआ है। इस ट्वीट में आरोप लगाया गया कि पीएम मोदी की मोरबी की यात्रा में सिर्फ कुछ घंटों के लिए 30 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। उन्होंने इसके साथ कुछ दस्तावेज भी पेश किए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के इवेंट मैनेजमेंट और पीआर की कीमत हादसे में मारे गए लोगों की जान से ज्यादा है क्योंकि मोरबी पुल हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई है। पुलिस सूत्रों ने आरोप लगाया कि गोखले ने इस विषय पर अपने ट्वीट के लिए फर्जी दस्तावेज भी बनाए हैं।
