Alka Rai: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड एक बार फिर से सुर्खियों में है। शनिवार गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार और अफजाल को दोषी करार दिया। कोर्ट के फैसले के बाद दिवंगत भाजपा नेता कृष्णानंद राय की पत्नी और पूर्व विधायक अलका राय ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब माफियाराज खत्म हो चुका है। उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। देश में नया दौर चल रहा है अब यूपी में गुंडा माफियाओं का राज खत्म हो गया। छिपकर बैठे माफिया भी यूपी खिंचकर आ रहे हैं और सजा पा रहे हैं। अब माफिया जेल में रहेंगे वरना ऊपर चले जाएंगे ।

अलका राय ने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने दोषियों को सजा देने के लिए न्यायालय का आभार भी जताया। न्याय में देर है लेकिन कानून दोषियों को अंजाम तक पहुंचा दिया। अलका राय ने सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ का भी आभार जताया और कहा कि सरकार की पैरवी से आज दोनों भाइयों (मुख्तार-अफजाल) को सजा मिल सकी है। आज भरोसा बढ़ गया है।

अपराधियों ने हत्या के बाद काटी थी पिता की शिखा: पीयूष राय

कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने कहा कि अपराधियों ने हत्या के बाद पिता की शिखा काटी थी तब से गाजीपुर के युवाओं ने शिखा को प्रतिष्ठा बना लिया। आज के फैसले ने इस शिखा का मान बढ़ाया है। पिता की हत्या का केस सीबीआई ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है वह भी जल्द ही आ जाएगा। न्यायालय की व्यवस्था स्वतंत्र है और इस पर भरोसा है।

2005 में कृष्णानंद राय की हुई थी हत्या

गाजीपुर में 29 नवंबर 2005 को मोहम्मदाबाद से तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय सहित कुल 7 लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। चुनावी रंजिश के कारण इस हत्या को अंजाम दिया गया था। इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी और अफजाल को आरोपी बनाया गया था। अंसरी ब्रदर्स के प्रभाव वाली मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर 2002 में अफजाल अंसारी को हराकर कृष्णानंद राय ने जीत हासिल की थी।

कृष्णानंद राय को उस वक्त गोलियां मारी गई थीं, जब वो भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में आयोजित एक क्रिकेट प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि बुलाए गए थे। जब वो क्रिकेट का उद्घाटन कर वापस जा रहे थे। तभी बसनिया चट्टी के पास घात लगाए हमलावरों ने कृष्णानंद राय के काफिले पर एके-47 से 500 राउंड फायर झोंक दिए थे।

मुख्तार-अफजाल दोषी करार

वहीं शनिवार को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को अपहरण और हत्या के मामले में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी को दोषी करार दिया। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल कैद की सजा सुनाई। जबकि अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई। मुख्तार अंसारी और उनके बड़े भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ अपहरण और हत्या के मामले में फैसला आने से पहले कोर्ट के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।

अजय राय बोले- न्यायालय पर पूरा भरोसा, जल्द बड़ी सजा होगी

मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी को सजा मिलने को कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक अजय राय ने न्याय और कानून की जीत बताया। अजय राय ने कहा कि मुख्तार अंसारी और अफजाल को सजा के लिए पीड़ितों ने बड़ा संघर्ष किया और बहुत कुछ झेला। दोषियों को सजा मिलने से उन सभी पीड़ितों को न्याय मिला है। अंसारी ब्रदर्स ने सत्ता के साथ मिलकर भय और आतंक का राजकायम कर दिया था वो नेस्तनाबूत हो गया है। उन्होंने कहा कि मुख्तार को अन्य केसों में सजा दिलाने के लिए पूरी शक्ति से लगा हूं। न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि जल्द बड़ी सजा भी होगी। अजय राय के भाई अवधेश राय की मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। मुख्तार के खिलाफ केस वाराणसी कोर्ट में ट्रायल पर है। पूर्व विधायक अजय राय मुख्तार के खिलाफ गैंगस्टर के अन्य केसों में गवाही देने गाजीपुर भी गए थे।

पांच बार के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी पर 1996 में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के नेता नंदकिशोर रूंगटा के अपहरण मामले में शामिल होने पर मामला दर्ज किया गया था। मुख्तार अंसारी के खिलाफ इस साल जनवरी में 2001 की उसरी चट्टी गैंगवार की घटना के सिलसिले में हत्या का मामला दर्ज किया गया था। उनके खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद पुलिस स्टेशन में भारतीय आईपीसी की धारा 302, 147, 148, 149 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

पिछले साल दिसंबर में माफिया डॉन और उसके सहयोगी भीम सिंह को हत्या और हत्या के प्रयास से संबंधित पांच मामलों में गाजीपुर की एक कोर्ट ने 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी। इन मामलों में कांस्टेबल रघुवंश सिंह की हत्या और गाजीपुर के एडिशनल एसपी पर हमला शामिल है। लखनऊ जिला जेलर एसके अवस्थी को 2003 में पिस्तौल दिखाकर धमकाने के आरोप में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराया था।