आरएसएस इन दिनों एक खाका तैयार कर रहा है जो अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के अभियान का आधार बनेगा। संघ से जुड़े सूत्रों के मुताबिक हमें एक ‘विजन डॉक्यूमेंट’ तैयार करने के लिए नागपुर से निर्देश मिले हैं। बंगाल में हमारे कुछ सदस्यों को ये काम सौंपा गया है। सूत्रों ने कहा कि गैरकानूनी इमिग्रेशन, विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून (CAA), औद्योगीकरण और रोजगार सृजन को दस्तावेज में ज्यादा तवज्जों मिलेगी।

मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि परंपरागत रूप से चुनाव से पहले भाजपा के लिए एक समान दस्तावेज तैयार करना आरएसएस की जिम्मेदारी है। इस फॉर्मूले का आम चुनाव और विधानसबा चुनाव के दौरान अभ्यास भी किया गया है। इसी तरह के एक दस्तावेज पर काम किया जा रहा है। एक बार जब हमें ये मिल जाएगा तो हम यह तय करेंगे कि इस पर कैसे काम किया जाए।

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संघ ने बंगाल में पहले के चुनावों के लिए भी इसी तरह के दस्तावेज तैयार किए हैं। हालांकि, इस बार जो बात अलग है वो यह है कि आरएसएस राज्य में भाजपा को सत्ता में लाने के लिए एक मौका देख रहा है। मगर यह भी माना जाता है कि राज्य के भाजपा नेतृत्व में शासन के लिए एक उचित दृष्टिकोण का अभाव है।

संघ से जुड़े सूत्रों के मुताबिक ऐसी स्थिति में विजन डॉक्यूमेंट अगले साल के चुनावों में भगवा पार्टी के लिए कैसे महत्वपूर्ण है, इसमें ये एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। बता दें कि आरएसएस के शीर्ष अधिकारियों ने बार-बार जोर देकर कहा है कि अगर भाजपा सत्ता में आना चाहती है तो ममता बनर्जी सरकार की आलोचना करना पर्याप्त नहीं है। मतदाताओं को बताना भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि भाजपा सरकार आने पर क्या-क्या सकारात्मक परिवर्तन होंगे।