RSS Rally: तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को 2 अक्टूबर, गांधी जयंती पर रैलियां करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि उस समय वैचारिक रूप से विरोध करने वाले राजनीतिक दलों के टकराव को टाला जा सके। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगाने के बाद राज्य में तनाव बढ़ गया था।
वहीं, दूसरी ओर आरएसएस के सूत्रों ने 22 सितंबर के मद्रास उच्च न्यायालय के निर्देश का हवाला देते हुए अदालत का रुख करने की धमकी दी है। इस निर्देश के मुताबिक, 2 अक्टूबर को संघ के प्रस्तावित रूट मार्च के लिए पुलिस को 28 सितंबर तक अनुमति देने के लिए कहा गया था। आरएसएस गांधी जयंती पर राज्य भर में 51 स्थानों पर रैलियां करना चाहता है।
सरकार ने दिया कानून व्यवस्था का हवाला: गुरुवार को, डीएमके सरकार ने अस्थिर राजनीतिक स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि पीएफआई पर केंद्र की कार्रवाई के बीच कई भाजपा नेताओं के घरों पर हमले हुए हैं। ऐसे में 2 अक्टूबर को किसी भी राजनीतिक संगठन द्वारा मार्च या सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि हाल ही में हुई हिंसा के बाद राज्य सरकार द्वारा कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करने के बाद, आरएसएस और अन्य सभी संगठनों को गांधी जयंती पर रैलियों की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था।
मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिए थे निर्देश: इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कुछ प्रतिबंधों के साथ आरएसएस को रैली करने की अनुमति देने का निर्देश दिया था। राज्य आरएसएस के पदाधिकारियों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा था कि कानून और व्यवस्था का ध्यान रखते हुए रैली की अनुमति के साथ कड़ी शर्तें होनी चाहिए।
आरएसएस की रैली का विरोध: हालांकि, डीएमके के सहयोगियों सहित कई राजनीतिक दलों खासतौर पर दलित संगठन वीसीके और लेफ्ट ने 2 अक्टूबर को आरएसएस की किसी भी रैलियों का विरोध किया है। इन दलों ने सांप्रदायिक सद्भाव के लिए मानव श्रृंखला बनाकर आरएसएस की किसी भी रैली का विरोध करने का प्रस्ताव रखा। वीसीके, सीपीआई और सीपीएम ने एक प्रत्युत्तर भेजा है जिसमें कहा गया है कि अगर आरएसएस 2 अक्टूबर को एक मार्च का आयोजन करता है, तो हम उसी दिन आरएसएस के खिलाफ मानव-श्रृंखला प्रदर्शन करेंगे।
मीडिया से बात करते हुए, वीसीके प्रमुख थोल थिरुमावलवन ने कहा, “वीसीके 2 अक्टूबर को आरएसएस मार्च के लिए दी गई अनुमति के खिलाफ अदालत का रुख करेगा।” उन्होंने कहा कि आरएसएस एक विभाजनकारी पार्टी है जो सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करती है और उन्हें तमिलनाडु में अनुमति नहीं दी जाएगी। वीसीके प्रमुख ने कहा, “भाजपा मार्च या राजनीतिक रैलियां कर सकती है लेकिन आरएसएस को अनुमति नहीं दी जाएगी।”