हाल ही में बीते बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल समेत महागठबंधन को करारी हार मिली है। हार के बाद से ही पार्टी की स्थिति को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसी बीच राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य के बयान के बाद पार्टी और परिवार में तूफान खड़ा हो गया है। रोहिणी ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव और पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय यादव पर अपमान करने का आरोप लगाया। विवाद के बाद पहले तो रोहिणी पटना से दिल्ली निकलने से पहले पहले मीडिया को बताया कि उनको बुरा भला कहा जा रहा है। इसके बाद दिल्ली एयपोर्ट पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी।

इसके बाद उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी विवाद से जुड़े मामलों को लेकर अपनी बात रखती रहीं। रोहिणी मामले को लेकर उनके दूसरे भाई तेज प्रताप यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वो अपना अपमान तो सह लिए लेकिन बहन का अपमान नहीं सहेंगे। हालांकि रोहिणी आचार्य का नाम विवादों में काफी पहले आ गया था जब उनकी शादी हो रही थी। उस दौरान पूरे पटना में सड़कों पर लूट चल रही थी। आइए जानते हैं शादी में मचे बवाल की पूरी कहानी-

शादी में आने वाले वीआईपी के लिए उठा

24 मई की तारीख थी, साल था 2002। इसी दिन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य की शादी सॉफ्टवेयर इंजीनियर समरेश सिंह होनी थी। जिसको लेकर राजधानी पटना में तैयारियां जोरों शोर से चल रही थी। तैयारी चले भी क्यों न, आखिर लालू यादव की बेटी की शादी जो थी। उस समय बिहार में लालू की पत्नी राबड़ी देवी की सरकार थी। राबड़ी की सरकार में उनके दोनों भाईयों (साधु और सुभाष यादव) की खूब चलती थी। ऐसे में शादी के दौरान मेहमान नवाजी में कोई कमी न हो जाए इसके लिए पटना में मनमाने तरीके से सामानों को शो रूम से उठाने की शुरुआत हुई। इस कड़ी में कई शोरूमों में से गाड़ी और अन्य सामान बिना पैसा दिए गुंडई करते हुए उठा लिए गए।

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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पटना के बोरिंग रोड स्थित कार्लो मारुति की शोरूम थी। वहां के कर्मचारियों की मानें तो कथित तौर पर सत्ताधारी बाहुबली नेताओं द्वारा वैगनआर कार सहित कुल 10 एसी वाली गाड़ियों की डिमांड की गई और फिर देने के लिए मजबूर किया गया।

इसके अलावा बोरिंग रोड में स्थित हुंडई मोटर्स के शोरूम में भी इसी तरह की घटना हुई। इसका साथ ही दीदारगंज इलाके से पांच टाटा सूमो गाड़ियों को जबरन ले जाने का आरोप है। ऐसा कहा जाता है कि ये सभी गाड़ियां लालू की बेटी रोहिणी की शादी में आने वाले वीआईपी मेहमानों को ले जाने के लिए लाई गईं थीं।

लालू राज पर काला धब्बा है शोरूम कांड

ऐसा कहा जाता है कि सुभाष यादव के समर्थकों ने पटना के कई शोरूम से कुल मिलाकर 45 से ज्यादा नई लग्जरी और प्रीमियम गाड़ियां जबरदस्ती उठा ली। इतना ही नहीं विरोध करने वाले मालिकों को धमकाया गया और वहां उत्पात भी मचाया गया था।

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इसके साथ-साथ ये भी बताया जाता है कि इन गाड़ियों में पेट्रोल और डीजल की व्यवस्था भी पटना में तैनात पुलिस वालों द्वारा की जा रही थी। गाड़ियों के अलावा पटना स्थित फर्नीचर के 100 से ज्यादा सोफा सेट और रेमंड के कपड़े, ड्राई फ्रूट्स मनमाने तरीके से दुकान से बिना पैसे के जबरदस्ती ले लिए गए। पटना में हुए इस शोरूम लूट कांड को बिहार के लालू राज पर सबसे बड़ा धब्बा माना जाता है। जिसको लेकर आज भी लालू के विरोधी उन पर हमलावर होते हैं और इस घटना की याद दिलाते हैं।

कैसे पड़ा नाम रोहिणी आचार्य

रोहिणी आचार्या का नाम उस समय खूब सुर्खियों में था, जब साल 2022 में उन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को अपनी किडनी दे दी थी। रोहिणी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं और हर मुद्दे पर अपनी बात रखती हैं। साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान सारण लोकसभा से रोहिणी राजद की उम्मीदवार थीं। हालांकि उनको हार का सामना करना पड़ा था।

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रोहिणी का जन्म 1 जून, 1979 को पटना में हुआ था। उनका नाम रोहिणी इसलिए रखा गया क्योंकि हिंदू कैलेंडर के अनुसार उनका जन्म ‘रोहिणी नक्षत्र’ में हुआ था। जबकि उनके ‘आचार्य’ सरनेम के पीछे की कहानी पटना की प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ रहीं डॉ कमला आचार्य से जुड़ी है। रोहिणी का जन्म राजेंद्र नगर स्थित डॉ आचार्य के नर्सिंग होम में हुआ था। उनके पैदान होने के बाद डॉ आचार्य ने लालू से इसके बदले किसी प्रकार की फीस लेने से इनकार कर दिया और बच्चे को अपना उपनाम देने के लिए कहा। जिसको लेकर लालू मान गए और उनका नाम रोहिणी आचार्य रखा गया। वर्तमान में रोहिणी के पति समरेश सिंह और उनके बच्चे सिंगापुर में रहते हैं।