बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने बहुमत हासिल कर जीत दर्ज की है। हालांकि, इसके बावजूद सत्ता में आने से लेकर स्पीकर पद के चुनाव तक गठबंधन को राजद-कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। दरअसल, एनडीए में भाजपा और जदयू की दोनों साथी पार्टियों- हम और वीआईपी पर महागठबंधन की निगाहें रही हैं। राजद नेता कई बार खुलेआम दोनों पार्टियों को एनडीए से टूटने का न्योता दे चुके हैं। इसी पर शुक्रवार को बिहार विधान परिषद में पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी का डिप्टी सीएम पद के लिए फोन आया था।

मुकेश सहनी इस वक्त बिहार सरकार में मंत्री पद पर हैं। विधान परिषद में राजद नेता सुबोध कुमार से बहस के दौरान उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें भी उपमुख्यमंत्री पद के लिए फोन आया था। हालांकि, इसके ठीक बाद नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी ने उठकर कहा कि डिप्टी सीएम पद के लिए आपका फोन हमलोगों के पास आया था। चुनाव में 25 सीट और डिप्टी सीएम का पद मांग रहे थे। मुकेश सहनी कितने बड़े लालची हैं हमें पता है। इस पर सहनी चुपचाप अपनी जगह पर बैठ गए। जबकि इससे पहले सहनी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि राजद ने अतिपिछड़ों की पीठ पर खंजर घोंपा है।

राबड़ी बोलीं- सिर्फ नालंदा जिले में हुआ है बिहार का विकास: राजद नेता राबड़ी देवी राज्यपाल के अभिभाषण के बाद हुए वाद-विवाद में जमकर गरजीं। उन्होंने कहा कि गांव में स्कूल न होने की वजह से वे कभी स्कूल नहीं जा पाईं, पर जानकारी हर बात की रखती हैं। राबड़ी ने सरकार पर आरोप में कहा कि बिहार का विकास सिर्फ नालंदा जिले में ही हुआ है। उन्होंने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि राजद के शासन में पैसे ही नहीं आते थे।

‘जंगलराज के लगते हैं आरोप, लेकिन यहां साफ कौन?’: राबड़ी देवी ने सदन में लालू प्रसाद यादव के चारा घोटाले पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 1977 में इस घोटाले की जांच के आदेश दिए थे। पर इसकी जांच 1990 में शुरू हुई। उन्होंने कहा कि राजद पर जंगलराज और चारा घोटाले का आरोप लगता है, लेकिन यहां बेदाग कौन है? हालांकि, इस पर राज्य सरकार में मंत्री मंगल पांडेय ने आपत्ति जताई और कहा कि राबड़ी देवी सदन का अपमान कर रही हैं।