बिहार में विधानसभा चुनाव के दो महीने बाद भी सियासी उठापटक का दौर जारी है। जहां राजद दावा कर रही है कि जदयू के कई बड़े नेता उसके पास आ सकते हैं और सीएम नीतीश कुमार की कुर्सी खतरे में है, वहीं बिहार की मुख्यमंत्री रह चुकीं राबड़ी देवी ने सीधे नीतीश पर ही दांव चलते हुए कहा कि अगर वे फिर से महागठबंधन में शामिल होना चाहेंगे, तो इस पर पार्टी के नेता और विधायक बैठकर विचार करेंगे।
राबड़ी देवी ने भाजपा पर भी साधा था निशाना: राबड़ी देवी ने नए साल पर नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान भाजपा और जदयू पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अब सरकार में नीतीश की नहीं, बीजेपी की चल रही है। उन्होंने हाल के दिनों में हुए अधिकारियों के ट्रांसफर पर कहा कि इसमें भी बीजेपी की ही चली है। उन्होंने भाजपा पर जदयू के वोटबैंक में सेंध लगाने का आरोप लगाते हुए कहा, “बीजेपी अंदर ही अंदर अपना काम करती है, जब कर देती है तब सबों को पता चलता है।” उन्होंने अरुणाचल प्रदेश की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार में भी भाजपा ऐसा ही कुछ कर सकती है।
नीतीश बोले- आगे की चुनौतियों के बारे में नहीं सोचते: राबड़ी देवी के इस अप्रत्यक्ष प्रस्ताव पर बिहार सीएम नीतीश कुमार ने जवाब दिया। उन्होंने बिहार सचिवालय में एक बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान सियासी संकट को लेकर चल रही अटकलों को खारिज कर दिया। नीतीश ने कहा कि बिहार में कोई सियासी संकट नहीं है। सरकार अपना काम बखूबी कर रही है। उन्होंने कहा कि उनके कामकाज करने का तरीका अलग रहा है। वह शासन के हर पहलू को पहले खुद देखते हैं और फिर जरूरत के मुताबिक योजनाओं को क्रियान्वित करने का काम करते हैं।
नए साल की चुनौतियों पर नीतीश कुमार ने कहा है कि वह चुनौतियों के बारे में नहीं सोचते हैं। उनका मकसद जनता की सेवा करना है और जनहित के लिए ही काम करना उनका एजेंडा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार बिहार का बजट कई मायनों में अलग होगा। कई योजनाओं के लिए अलग से बजट में व्यवस्था की जाएगी।