बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान जारी हैं। इसी दौरान विपक्ष के नेताओं ने मुंगेर में हुई फायरिंग की घटना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर ले लिया है। इनमें सबसे आगे राजद नेता और महागठबंधन की ओर से सीएम पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव का नाम है। तेजस्वी ने बुधवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आखिर कर क्या रहे थे? भाजपा के नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी क्या कर रहे थे? उनकी राज्य में डबल-इंजन की सरकार है। क्या उनके पास इसकी जानकारी नहीं है? यह दिखाता है कि मुंगेर में हुई घटना में उनकी क्या भूमिका थी।
बता दें कि मुंगेर में मां दुर्गा की मूर्ति के विसर्जन के दौरान पुलिस और आसामाजिक तत्वों के बीच कथित तौर पर भिड़त हुई थी। इसमें फायरिंग की घटना में 18 साल के एक व्यक्ति की मौत हुई थी। इसके अलावा कुछ अन्य लोग घायल भी हुए थे। इस घटना की तुलना जालियांवाला बाग हत्याकांड से करते हुए तेजस्वी ने आगे कहा, “आखिर पुलिस को जनरल डायर बनने की इजाजत किसने दी? हम जानना चाहते हैं कि सुशील मोदी जी ने ट्वीट करने के सिवाय क्या किया। हम भाजपा नेता से जानना चाहेंगे कि आखिर इसकी इजाजत किसने दी। यह गंभीर मुद्दा है।”
‘हमारी सरकार बनते ही मुंगेर घटना के दोषियों को सजा निश्चित’: तेजस्वी ने एक ट्वीट में लिखा, “महागठबंधन के साथियों संग आज तानाशाही एनडीए सरकार की गोली से शहीद श्रद्धालुओं को मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित की। सीएम बताए पुलिस को जनरल डायर बन निर्दोषों पर क्रूरतापूर्वक गोली चलाने की अनुमति किसने दी? 10 नवंबर को सरकार बनते ही दोषियों को सख़्त सजा निश्चित।”
बिहार में नीतीश के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला करने में तेजस्वी अकेले नहीं रहे। एनडीए से टूटकर अलग चुनाव लड़ रहे चिराग पासवान ने भी नीतीश को आड़े हाथों लिया। चिराग ने बिहार सरकार की तुलना तालिबान से कर दी और कहा, “मुंगेर पुलिस के ऊपर 302 का मुक़दमा दर्ज होना चाहिए। श्रद्धालुओं को गोली मारना नीतीश के तालिबानी शासन को दिखाता है। स्थानीय एसपी को तत्काल सस्पेंड कर 302 के तहत एफआईआर दर्ज करवाए नीतीश कुमार जी। मृतक के परिवार को 50 लाख रुपए और एक सरकारी नौकरी दे सरकार।”