चारा घोटाले में सजा पा चुके राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पिछले करीब दो सालों से रांची के RIMS में भर्ती हैं। वे यहां पेइंग वॉर्ड में रहने के बाद पिछले कुछ समय से रिम्स निदेशक के बंगले में अपना इलाज करा रहे हैं। दरअसल, कोर्ट ने उन्हें कोरोनावायरस महामारी के चलते केली बंगले में रुकने की इजाजत दी थी। हालांकि, अब लालू को एक बार फिर पेइंग वॉर्ड में ही शिफ्ट कर दिया गया है। लालू पर आरोप हैं कि उन्होंने केली बंगले से भाजपा विधायक को फोन किया था और बहलाने की कोशिश की थी। इसी के बाद प्रशासन ने उन्हें केली बंगले से हटाने का फैसला किया है।
क्या है केली बंगले की खासियत?: रांची के रिम्स में स्थित केली बंगला ब्रिटिश काल का बना है। यह करीब 25 एकड़ जगह में फैला है। केली बंगले में 4 बड़े कमरे हैं और दो डाइनिंग हॉल हैं। केली बंगले में लालू को दो सेवादार भी दिए गए थे। लालू को यहां कोरोनावायरस से बचाने के लिए शिफ्ट किया गया था। बिहार चुनाव के नतीजों के दिन केली बंगले के बाहर की कुछ फोटो भी सामने आई थीं।
रिम्स के पेइंग वॉर्ड में 7 लाख से ज्यादा हो चुका है खर्च: लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में सजा पाने के बाद 6 सितंबर 2018 को रिम्स के पेइंग वॉर्ड में भर्ती हुए थे। इस पेइंग वॉर्ड में रोजाना के हिसाब से एक हजार रुपए चुकाने पड़ते हैं। यहां वॉर्ड में हर पांच दिन के हिसाबसे एडवांस पांच हजार रुपए जमा होते हैं। लालू प्रसाद यादव इस साल की शुरुआत तक पेइंग वॉर्ड में रहे। यानी करीब 690 दिन। इस दौरान उन्हें पेइंग वॉर्ड के लिए 7 लाख रुपए चुकाने पड़े हैं।
लालू की जमानत याचिका पर आज सुनवाई: जेल मैनुअल का उल्लंघन कर एक फोन कॉल करने के आरोप में लालू का बंगला भले ही छिन गया हो। पर आज ही उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है। सीबीआई ने उनकी जमानत का विरोध किया है, पर एक केस में जमानत मिलना लालू को राहत दे सकता है। हालांकि, वायरल ऑडियो के मामले की जांच को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में शिकायत भी दर्ज हुई है।

