बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्षी महागठबंधन की अगुवाई कर रही आरजेडी का प्रदर्शन बेहद खराब दिखाई दे रहा है। महागठबंधन को उम्मीद थी कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में वह बिहार में सरकार बनाएगी। शायद इसी उम्मीद के चलते तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी घोषित किया गया था।
आरजेडी महागठबंधन में सबसे ज्यादा 143 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी लेकिन अब तक आए चुनाव नतीजों में आरजेडी का प्रदर्शन बेहद खराब दिखाई दे रहा है और दिन में 11:45 बजे तक चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक वह सिर्फ 36 सीटों पर आगे चल रही थी।
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अगर आरजेडी के अब तक के पिछले कुछ विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन पर नजर डाली जाए तो 2010 में उसका प्रदर्शन सबसे खराब रहा था। तब उसे सिर्फ 22 सीटों पर जीत मिली थी।
महागठबंधन में कांग्रेस का भी प्रदर्शन बेहद खराब दिखाई दे रहा है। अभी कांग्रेस 6 सीटों पर आगे चल रही है। अगर चुनाव नतीजे महागठबंधन के इसी प्रदर्शन के आसपास रहते हैं तो यह माना जाना चाहिए कि महागठबंधन के लिए यह जबरदस्त झटका है।
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ऐसा लगता है कि तेजस्वी यादव ने चुनाव प्रचार में जिन बातों को मुद्दा बनाया, बिहार के लोगों ने उन पर भरोसा नहीं किया और जेडीयू और बीजेपी के द्वारा किए गए कामकाज पर विश्वास जताते हुए उन्हें एक बार फिर सत्ता में वापस लौटने का जनादेश दिया है।
