बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद एक विधानसभा सीट के रिजल्ट पर काफी चर्चा हो रही है। यह सीट ढाका है और यहां आरजेडी के फैसल रहमान ने बीजेपी के पवन जायसवाल को 178 मतों से हराया था। चुनाव नतीजे आने के बाद पवन जायसवाल ने फर्जी वोटिंग का आरोप लगाया था।

पवन जायसवाल ने इस मामले में हाई कोर्ट का रुख किया है और 16 दिसंबर को याचिका भी दायर कर दी है।

याचिका में राजद के विधायक फैसल रहमान को मुख्य प्रतिवादी बनाया गया है। इसके अलावा ढाका विधानसभा सीट के रिटर्निंग अफसर, पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी, मुख्य निर्वाचन अधिकारी पटना और भारतीय चुनाव आयोग, नई दिल्ली को भी सहायक प्रतिवादी बनाया गया है।

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जायसवाल बोले- फर्जी वोटिंग हुई

पवन जायसवाल ने चुनाव नतीजे आने के बाद ढाका विधानसभा सीट पर फर्जी वोटिंग की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि 298 लोग ऐसे हैं जो विदेश में रहते हैं, तीन लोग मोतिहारी सेंट्रल जेल में बंद हैं, 45 लोग मर चुके हैं, 41 दोबारा नाम वाले और 1057 लोग ऐसे हैं, जो बिहार से बाहर रहते हैं।

पवन जायसवाल का कहना है कि इन सभी लोगों के वोट डाले गए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि वोटिंग वाले दिन फर्जी वोटिंग के मामले में 6 एफआईआर भी दर्ज की गई हैं जिससे पता चलता है कि विधानसभा चुनाव के दौरान फर्जी वोटिंग हुई है।

पवन जायसवाल के द्वारा इस मामले में हाई कोर्ट का रुख करने के बाद ढाका क्षेत्र में यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या इस विधानसभा सीट पर फिर से चुनाव होगा?

ढाका सीट पूर्वी चंपारण जिले में पड़ती है। इस सीट पर बीजेपी के पवन जायसवाल ने साल 2020 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी और फैसल रहमान चुनाव हार गए थे।

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