बिहार में अलग-अलग पार्टियों के बीच मची सियासी उथल-पुथल अब विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें पाने वाली राजद तक भी पहुंच गई है। पार्टी के बिहार अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने एक दिन पहले ही इस्तीफा दे दिया। बताया गया है कि वे लालू प्रसाद यादव के बेटे और राजद नेता तेज प्रताप यादव की ओर से लगातार किए जा रहे जुबानी हमले से खासा नाराज थे। अभी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ओर से जगदानंद के इस्तीफे को स्वीकार किया जाना बाकी है, हालांकि इससे पहले ही लालू और बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इस अनुभवी नेता को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने में जुट गए हैं।
जगदानंद सिंह (75) लंबे समय से लालू प्रसाद यादव के खास नेता रहे हैं। पार्टी की ओर से उन्हें प्रदेशाध्यक्ष का पद सौंपे जाने के बाद से ही उन्हें संगठन के स्तर पर कई बड़े सुधार किए। इनमें वरिष्ठ नेताओं से मिलने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा समय लिए जाने का नियम बनाने से लेकर कई और सुधार भी शामिल हैं। जगदानंद 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी राजद के प्रमुख रणनीतिज्ञों में से एक रहे। उन्हें टिकट बंटवारे के दौरान सामाजिक संयोजन बनाए रखने का भी श्रेय दिया जाता है।
हालांकि, लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव से जगदानंद सिंह की लंबे समय से नाराजगी थी। दरअसल, तेजप्रताप सार्वजनिक मंचों से ही जगदानंद पर निशाना साधते नजर आए। 5 जुलाई को ही राजद के स्थापना दिवस पर रखे गए एक कार्यक्रम के दौरान तेजप्रताप ने एक बार फिर उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर जगदानंद पर हमला बोला और कहा कि वे किसी के भी फरमानों को सुनने के लिए मजबूर नहीं हैं।
इतना ही नहीं अपने संबोधन के दौरान तेजप्रताप ने जगदानंद सिंह का नाम भी लिया। दरअसल, उन्होंने कार्यकर्ताओं से सवाल पूछने के साथ हाथ उठाकर समर्थन करने के लिए कह दिया। इसी बीच उन्होंने मंच की ओर देखते हुए कहा कि लगता है जगदानंद अंकल मुझसे नाराज चल रहे हैं, हथवो (हाथ भी) नहीं उठा रहे हैं।
जब जगदानंद सिंह से पूछा गया कि पार्टी से उनके इस्तीफे की वजह क्या रही, तो उन्होंने कोई जवाब दिया नहीं और कहा कि मीडिया को जो लिखना है, वो लिख सकती है। इसके बाद जब उनसे तेजप्रताप यादव का नाम लेकर इस्तीफे पर सवाल किया गया, तब भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उनके एक करीबी सूत्र ने बताया कि लालू प्रसाद यादव की अपील पर जगदानंद सिंह पिछले विधानसभा चुनावों को देखते हुए एक साल तक राजद प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हुए थे। तेज प्रताप यादव एक अनुभवी नेता के लिए ज्यादा सम्मान दिखा सकते थे।
एक अन्य राजद नेता ने कहा, “जगदानंद सिंह के इस्तीफे की वजह उनकी उम्र भी हो सकती है। वे लंबे समय से लालू प्रसाद यादव से खुद पद से हटने की मांग कर रहे थे। लेकिन तेजप्रताप के लगातार आ रहे तंजों ने उन्हें यह फैसला जल्द लेने पर मजबूर कर दिया।”

