समाजवादी पार्टी के लिए आज का दिन सियासी लिहाज से झटके वाला रहा है। राज्यसभा चुनाव में 3 प्रत्याशियों की जीत निश्चित होने के बावजूद सपा विधायकों की क्रॉस वोटिंग के चलते सपा के एक प्रत्याशी नहीं जीत सके, तो दूसरी ओर उनके खिलाफ अपनी ही पार्टी के एक दिग्गज नेता ने हमला बोल दिया है। ये नेता कोई और नहीं बल्कि पूर्व सांसद और विधायक रेवती रमण सिंह हैं। उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर विधायकों की अनदेखी करने का आरोप लगाया और कहा कि इसी के चलते सपा विधायक अखिलेश से दूर जा रहे हैं।
दरअसल, समाजवादी पार्टी में चल रही उथल-पुथल और विधायकों की नाराजगी को लेकर रेवती रमण सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव सपा के वरिष्ठ नेताओं को तवज्जो नहीं देते हैं। यही वजह है कि सपा के वरिष्ठ नेता किनारा कर रहे हैं। इलाहाबाद संसदीय सीट को कांग्रेस पार्टी को दिए जाने पर भी रेवती रमण सिंह ने नाराजगी जताई और इसके चलते ही उन्होंने कांग्रेस सपा गठबंधन पर भी आपत्ति जताई।
दिग्गज सपा नेता रेवती रमण सिंह ने कहा कि 1984 के बाद कांग्रेस यहां (इलाहाबाद) से नहीं जीती है फिर भी अखिलेश यादव ने इस सीट को कांग्रेस को दे दिया है। उनसे बातचीत के बगैर अखिलेश यादव ने इलाहाबाद सीट कांग्रेस को दे दिया। उन्होंने कहा कि इस कदम का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा।
जल्द छोड़ सकते हैं सपा का साथ
दिग्गज सपा नेता के इस रुख से स्पष्ट होता दिख रहा है कि वे कभी भी सपा से अपनी रुखसती का ऐलान कर सकते हैं। अपने फ्यूचर पॉलिटिकल प्लान को लेकर रेवती रमण सिंह ने कहा कि राजनैतिक भविष्य को लेकर भी वह जल्द ही फैसला लेंगे। बता दें कि राज्यसभा चुनाव में सपा विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है, जिसके चलते बीजेपी प्रत्याशी संजय सेठ आसानी से जीत गए हैं। इसको लेकर रेवती रमण सिंहं ने कहा कि अखिलेश यादव अपने विधायकों को विश्वाश में नहीं ले पा रहे हैं जो कि सपा के लिए सबसे बड़ी समस्या है।
मुलायम सिंह यादव के करीबी हैं रेवती रमण सिंह
बता दें कि रेवती रमण सिंह अखिलेश यादव के पिता और यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के सबसे करीबी नेताओं में से एक माने जाते हैं। मुलायम सिहं यादव ने जब समाजवादी पार्टी का गठन किया था तो उस संस्थापक सदस्यों की लिस्ट में एक नाम रेवती रमण सिंह का भी था। रेवती रमण सिंह सपा के संस्थापक सदस्य होने के साथ ही, पूर्व में 3 बार के सांसद, 7 बार के विधायक भी रहे हैं।
सपा से नाराज चल रहे रेवती रमण सिंह को लेकर सूत्रों का कहना है कि वे दो अहम राष्ट्रीय दलों के संपर्क में हैं और कभी भी सपा छोड़ किसी और राजनीतिक दल का रुख कर सकते हैं।