गजेंद्र सिंह

दिल्ली में स्थिति गंभीर है और आंकड़े चिंताजनक। बेरोजगारों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसकी तस्दीक सरकार का रोजगार निदेशालय कर रहा है। निदेशालय के अंतर्गत रोजगार कार्यालय में पिछले सात साल के दौरान अपना पंजीकरण कराने वाले सवा पांच लाख से अधिक बेरोजगारों में एक फीसद को भी रोजगार नहीं मिला। आंकड़ों में यह संख्या मात्र 857 है और फीसद में 0.1632 फीसद है। सूचना के अधिकार कानून के तहत यह जानकारी दिल्ली सरकार ने दी है।

जनसत्ता की ओर से मांगी गई सूचना में पूछा गया था कि 2014 से लेकर वर्तमान समय तक दिल्ली सरकार के तहत रोजगार कार्यालय में कितने बेरोजगारों ने अपना पंजीकरण कराया है और उनमें से कितनों को रोजगार कार्यालय की ओर से रोजगार मुहैया कराया गया है। इसका जवाब मिला कि 2014 से छह सितंबर, 2022 तक कुल 5 लाख 25 हजार 102 लोगों ने अपना पंजीकरण कराया, जिनमें से 857 को ही नौकरी मिल सकी।

वर्ष 2014 में एक लाख 47 हजार 358 लोगों ने अपना पंजीकरण कराया था। इनमें 417 को ही रोजगार मिल सका। सबसे निराशजनक स्थिति वर्ष 2017- 2018 में रही। रोजगार के अवसर कम होने से पंजीकरण कराने वालों की दिलचस्पी भी कम हो रही है। वर्ष 2017 में 87 हजार 113 लोगों ने अपना पंजीकरण कराया। इसमें महज 66 को रोजगार मिल सका। इसी तरह वर्ष 2018 में 43 हजार 464 लोगों ने अपना पंजीकरण कराया। जिसमें 68 लोगों को ही नौकरी नसीब हुई।

कोरोना काल का असर नौकरी पर भी दिखा। इस दौरान वर्ष 2019 और 2020 में कोई पंजीकरण नहीं हुआ। नौकरी भी 2019 में किसी को नहीं मिली। हालांकि साल 2020 में 28 लोगों को रोजगार मिला और 2021 व 2022 में नौकरी पाने वालों की संख्या शून्य रही। हालांकि विभाग की ओर से यह भी बताया गया है कि यह आंकड़े निर्णायक नहीं है, क्योंकि कई नियोक्ता रिक्तियों के लिए उम्मीदवारों के अंतिम चरण के बारे में जानकारी प्रदान नहीं करते हैं।

विभाग के पास भी ऐसा कोई तंत्र नहीं जिससे अंतिम चयन के बारे में स्पष्ट जानकारी मिल सके। बता दें कि दिल्ली सरकार ने अपने यहां रोजगार बढ़ाने के लिए 2022 के बजट को ‘रोजगार बजट’ के नाम से प्रस्तुत किया था। सरकार ने पांच साल में 20 लाख रोजगार देने के लिए 75 हजार 800 करोड़ रुपए निर्धारित किए थे।

बेरोजगारी की दर 8.2 फीसद पर

आंकड़े बेरोजगारी की गवाही दे रहे हैं। बिजनेस इन्फारमेशन कंपनी सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआइई) की ओर से पिछले दिनों जारी भारत में रोजगार की स्थिति पर आई अगस्त 2020 की रिपोर्ट में दिल्ली की बेरोजगारी दर 8.2 फीसद बताई गई है। सबसे अधिक बेरोजगारी हरियाणा में 37.3 फीसद, जम्मू-कश्मीर में 32.8 फीसद, राजस्थान में 31.4 फीसद, झारखंड में 17.3, गोवा में 13.7, बिहार में 12.8 फीसद दर्ज की गई है। यूपी में 3.9 फीसद और सबसे कम छत्तीसगढ़ में 0.4 फीसद है।