दिल्ली में ई-केवाईसी के साथ ही ईपोस मशीनों को इलेक्ट्रिक तराजू से जोड़कर राशन वितरण किए जाने की कवायद एक बार फिर तेज हो गई है। इसे लेकर बीते 24 मार्च को वित्त एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव व सह आयुक्त की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक भी की गई थी। जिसमें एक अप्रैल 2025 से दिल्ली में प्रारंभ होने वाले वितरण चक्र के दौरान सभी राशन की दुकानों पर ईपोस उपकरणों के साथ कांटों के एकीकरण को लागू करने का निर्णय लिया गया है।
बता दें कि इसे लेकर दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने सभी जिलों के सहायक आयुक्तों को पहले ही निर्देशित कर दिया है कि वो सर्किल कार्यालयों में तैनात खाद्य संभरण अधिकारी (एफएसओ) व खाद्य संभरण निरीक्षक (एफएसआइ) को कोटाधारकों से कार्यात्मक व गैर कार्यशील कांटों की रपट एकत्र करने के लिए निर्देशित करें।
राशन वितरण में पारदर्शिता आएगी
यही नहीं इसे लेकर विभाग ने अपने तकनीकी सहयोगी बीईएल व विजन टेक को भी ईमेल के जरिए निर्देश दिया है ताकि इसे एक अप्रैल से लागू किया जा सके। कोटाधारकों से दुकानों पर कांटों की स्थिति की जांच करने की रपट भी लगभग तैयार कर ली गई है और दिल्ली के करीब दो हजार कोटाधारकों को ईपोस उपकरणों के साथ कांटों के एकीकरण को लागू करने का निर्देश भी जारी कर दिया गया है। विभागीय अधिकारियों की माने तो इससे राशन वितरण में पारदर्शिता आएगी।
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वहीं इसे लेकर दिल्ली राशन डीलर फेडरेशन (डीआरडीएफ) के अध्यक्ष सीताराम का कहना है कि हमारा करीब सात महीने से मेहनताना, विभाग देना तो दूर बल्कि नए-नए आदेश हम पर थोपने का काम कर रहा है। ये कांटा इतना संवेदनशील है कि गर्मी के दौरान यदि कोटाधारक अपनी दुकान में पंखा भी चलाएगा तो ये कांटा रुक जाएगा।
विभाग को राशनकार्डधारियों की परेशानियों की ओर देखना चाहिए
वर्तमान स्थिति यह है कि ईपोस मशीनों में सर्वर की समस्या बनी रहती है, कई बार एक दिन में 4-5 घंटे सर्वर काम नहीं करता और अन्य राज्यों के राशनकार्डधारियों को वितरण के दौरान ज्यादा परेशान होना पड़ता है। ऐसी परिस्थिति में राशन वितरण बहुत मुश्किल हो जाएगा, गर्मियां आ रही हैं कार्डधारियों को घंटों धूप में खड़े रहकर परेशान होना पड़ेगा।
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राशन वितरण में देरी होगी तो कोटाधारक व राशनकार्डधारियों के बीच झगड़ा होगा। हम एक अप्रैल से राशन वितरण के दौरान विरोधस्वरूप काली पट्टी हाथ पर बांधेगे और साथ ही विभाग के ईपोस मशीन से कांटा जोड़ने व 7 महीने से मेहनताना नहीं मिलने को लेकर कोर्ट में अपील करेंगे।