राजधानी दिल्ली के राशनकार्ड धारियों की ई-केवाईसी करवाने के काम को लेकर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग काफी चुस्ती दिखा रहा है। दरअसल विभाग अपने सौ दिवसीय कार्य योजना के अंतर्गत अंतिम तिथि 31 मार्च से पहले दिल्ली के सभी 7277995 लाभार्थियों का ई-केवाईसी करना चाहता है। लेकिन ई-केवाईसी के बीच राशनकार्ड धारियों के आधार पंजीकृत मोबाइल नंबरों का बदला जाना बाधक बना हुआ है। जिससे प्रक्रिया में देरी हो रही है और कार्डधारियों को धक्के खाने पड़ रहे हैं।

ई-केवाईसी करवाने के लिए पैसे लेने वाले पर होगी कार्रवाई

इस बीच विभाग के सहायक आयुक्त (योजना) ने 21 मार्च को एक आदेश जारी कर साफ कहा है कि यदि कोई कोटाधारक ई-केवाई करने के नाम पर यदि किसी भी राशनकार्डधारी से पैसा लेते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। ये सुविधा पूरी तरह से नि:शुल्क है और इसकी जानकारी अधिक से अधिक लाभार्थियों तक पहुंचनी चाहिए।

दिल्ली में बड़ी संख्या उन राशनकार्ड धारियों की है, जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं हैं या स्मार्ट फोन हैं भी तो उन्होंने अपने आधार कार्ड बनवाने के दौरान जिस मोबाइल नंबर को पंजीकृत करवाया था, उसे बदल दिया है। ऐसे में ‘मेरा केवाईसी’ ऐप सत्यापन के दौरान प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा रहा है। ऐसे राशनकार्ड धारियों को आधार से जुड़ा नंबर बदलवाने के लिए अब धक्के खाने पड़ रहे हैं। हालांकि जो लोग निरंतर राशन का उठान खुद राशन की दुकान से जाकर कर रहे हैं, उनका प्वाइंट आफ सेल यानी राशन दुकानों पर लगी ई-पोस मशीनों के माध्यम से खुद बायोमेट्रिक सत्यापन हो जा रहा है।

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विभागीय आंकड़ों की माने तो 18 मार्च तक ‘मेरा केवाईसी’ एप के जरिए करीब 299965 लाभार्थियों का सत्यापन किया जा चुका है। जबकि अन्य माध्यमों के जरिए करीब 1768878 लाभार्थियों ने केवाईसी के लिए आवेदन कर दिया है, जिसे विभाग द्वारा मंजूरी देना बाकी है।

इनमें सेंट्रल जिले में 138655 आवेदन आए हैं। जबकि पूर्वी जिले में 130472, नई दिल्ली जिले 93269, उत्तरी जिले 152377, उत्तर-पूर्वी जिले 284207, उत्तर-पश्चिमी जिले 344459, दक्षिणी जिले 189834, दक्षिण-पश्चिमी जिले 218904 व पश्चिमी जिले में 216700 राशनकार्ड धारियों ने ई-केवाईसी के लिए आवेदन किया है। जबकि 20 मार्च तक तकरीबन 2012668 लाभार्थी ने ई-केवाईसी के लिए आवेदन कर दिया है। दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ ने बताया कि करीब दो हजार कोटाधारक लगातार राशन कार्डधारियों को ई-केवाईसी के प्रति जागरूक कर रहे हैं और जरूरतमंद लाभार्थियों जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है उन्हें अपने फोन से ई-केवाईसी सत्यापन भी करवा रहे हैं।

लेकिन कोटाधारक निराश हैं कि उन्हें सितंबर 2024 से लेकर अभी तक अपना मेहनताना नहीं मिला है। जिससे वो दुकान का किराया देने के साथ ही तौलने वाले को पैसा देने व जीवनयापन करने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं और अपनी परेशानियों को लेकर खाद्यमंत्री व विभागीय अधिकारियों को कई बार ईमेल व पत्र के माध्यम से जानकारी दे चुके हैं।