Rampur Bypoll: उत्तर प्रदेश के रामपुर में उपचुनाव (Rampur Bypoll) के बीच यहां का सियासी माहौल तेजी से बदल रहा है। रामपुर में जो लोग कभी सपा नेता आजम खान के करीबी हुआ करते थे, उनकी आवाज बनते थे, उनके भरोसेमंद हुआ करते थे। वो लोग अब उनका साथ छोड़ने लगे हैं। जो समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता आजम खान (Azam Khan) के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है।

रामपुर(Rampur) में पहले तुर्क चेहरे ने आजम खान का साथ छोड़ा तो वहीं अब पठानों ने भी आजम खान का साथ छोड़ने के साथ ही सपा नेता आजम खान पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। आरिफ खान नाम के एक पठान शख्स ने बताया कि आजम खान के परिवार में सांसदी से लेकर विधायकी तक थी और वो लोग अपनी जातीय और मुकदमे की लड़ाइयां लड़ते रहे। आजम खान के पास किसी आम आदमी से मिलने तक का वक्त नहीं था। उन्होंने कहा कि इस बार रामपुर की आवाम रामपुर के हित में फैसला लेगी।

आरिफ ने कहा कि आजम खान के युग का अंत उसी दिन हो गया था, जिस दिन उनको सजा का ऐलान हुआ था। उन्होंने कहा कि पांच तारीख को आजम खान की पार्टी की हार होगी, जो उनके ताबूत में कील ठोकने का काम करेगी।

वहीं एक अन्य शख्स काशिफ खान ने बताया कि जिस विधानसभा में हमारी तादाद 80 हजार से अधिक हो और उसके बाद हमारे ऊपर वहीं जुल्म करे, जिसको हमने चुना था तो इससे ज्यादा बदनसीबी क्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए बहुत अच्छा मौका है कि हम इस कलंक धो सकेंगे और हम ऐसे आदमी का नुमांइदा बनाकर विधानसभा भेजेंगे, जो सभी को बराबर समझे। साथ ही रामपुर का विकास करा सके।

आजम खान खुद रामपुर से 13 चुनाव लड़ चुके हैं। जिसमें 10 बार विधायक और 1 बार सांसद चुने जा चुके हैं। भड़काऊ भाषण मामले में सजा सुनाए जाने के बाद कई सपा नेताओं ने आजम खान का साथ छोड़ दिया है। बीते तीन दिन में सपा से चेयरमैन का चुनाव लड़ चुके ताहिर ने सपा से दूरी बना ली है। आजम के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू समेत कई नेता सपा छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। बता दें, रामपुर में 5 दिसंबर को विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान होगा।