उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने रामपुर विधानसभा उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी के बजाए भाजपा प्रत्याशी को समर्थन देने पर नवाब काजिम अली खां उर्फ नावेद मियां को पार्टी से निकाल दिया है। पार्टी अनुशासन समिति के सदस्य श्याम किशोर शुक्ला ने मीडिया को जारी प्रेस नोट में कहा कि नावेद मियां का काम घोर अनुशासनहीनता के तहत आता है। इसलिए उनको पार्टी से छह वर्षों के लिए निकाल दिया गया है। वह रामपुर जिले के स्वार सीट से विधायक रह चुके हैं।
खां वर्ष 2002, 2007 और 2012 में रामपुर जिले की स्वार सीट से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं। उन्होंने इस साल के शुरू में रामपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव लड़ा था, मगर उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था।
नफरत भरा भाषण देने के मामले में तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद आजम खां की विधानसभा सदस्यता खत्म किए जाने के चलते रामपुर विधानसभा सीट खाली हुई है। इस सीट पर उपचुनाव के तहत आगामी पांच दिसंबर को मतदान होगा और परिणाम की घोषणा आठ दिसंबर को होगी। सपा ने इस सीट पर आजम खां के करीबी आसिम राजा को टिकट दिया है।
भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर ने सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का लगाया आरोप
उधर, भीम आर्मी संगठन के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने रामपुर विधानसभा क्षेत्र में पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के लिए गुरुवार को प्रचार किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव में आधिकारिक मशीनरी का दुरुपयोग किया जाता है। सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के खिलाफ ‘‘चुप्पी’’ चुनाव, लोकतंत्र और संविधान को कमजोर करेगी।
आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर उपचुनाव में सपा का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने बुधवार को सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां से उनके घर पर मुलाकात की। दलित समाज के नेता चंद्रशेखर ने रामपुर में पत्रकारों से कहा, ‘‘आज हारे हुए प्रत्याशी को विजयी घोषित किया जा रहा है। पुलिस द्वारा भय का माहौल बनाया जा रहा है। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।
कहा कि यह जमीनी हकीकत है, जो मैं रामपुर में अनुभव कर रहा हूं। सपा और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के साथ गठजोड़ की अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘विपक्ष एकजुट हो रहा है।’’ हालांकि इस बारे में उन्होंने विस्तार से नहीं बताया।