प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर में ध्वजारोहण समारोह में शामिल होंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण पत्र भेजा गया है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम में शामिल होने के संकेत दिए हैं।

नृपेंद्र मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, “पीएम मोदी को 25 नवंबर को राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है। यह राम मंदिर के निर्माण के पूरा होने का प्रतीक होगा। पीएम ने संकेत दिया है कि वह कार्यक्रम में शामिल होंगे।” उन्होंने कहा, “ध्वज के डिजाइन को लेकर कल हुई बैठक के बाद महासचिव चंपत राय से अंतिम निर्णय लेने का अनुरोध किया गया है।

नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि मंदिर का निर्माण कार्य 25 नवंबर तक पूरा हो जाएगा और श्रद्धालुओं के लिए पूरा परिसर खुला रहेगा। उन्होंने कहा, “पूरे संकेत हैं कि तब तक पूरा मंदिर परिसर बनकर तैयार हो जाएगा और श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति मिल जाएगी। चारदीवारी का निर्माण डेढ़ साल तक चलेगा। सभागार का निर्माण 2026 के पहले 6 महीनों में पूरा हो जाएगा।”

निर्मला सीतारमण, योगी आदित्यनाथ ने किया अयोध्या में दक्षिण के तीन संतों की मूर्तियों का अनावरण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मिलकर दक्षिण भारत के तीन महान संगीत संतों त्यागराज स्वामीगल, पुरंदर दास और अरुणाचल कवि की मूर्तियों का बृहस्पति कुंड में अनावरण किया। टेढ़ी बाजार स्थित बृहस्पति कुंड का वातावरण उस समय भक्तिरस और संगीत की पवित्र भावना से सरोबार हो उठा जब केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने दक्षिण भारतीय परंपरा के अनुसार पूजा-अर्चना कर अनावरण समारोह की शुरुआत की। इस दौरान निर्मला सीतारमण के माता-पिता भी मौजूद रहे।

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वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि अयोध्या केवल आस्था का केंद्र नहीं बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक है। उन्होंने तीनों संतों के योगदान को नमन करते हुए कहा कि त्यागराज स्वामीगल, पुरंदर दास और अरुणाचल कवि ने भारतीय शास्त्रीय संगीत और भक्ति परंपरा को विश्व पटल पर स्थापित किया, उनके काव्य और रचनाओं ने समाज को प्रेम, भक्ति एवं एकता के सूत्र में पिरोया।

भगवान श्रीराम का नाम जपने वाले तीन संतों को अयोध्या में स्थान मिला- निर्मला सीतारमण

निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज का दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण है। अपनी हर सांस में भगवान श्रीराम का नाम जपने वाले तीन संतों को अयोध्या में स्थान मिला है। ऐसा लगता है कि श्रीराम ने स्वयं उन्हें यहां बुलाया है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दक्षिण भारत के संतों के विषय में अच्छी जानकारी है। उन्होंने बहुत प्रभावी ढंग से इन संतों के योगदान को हमारे सामने रखा है।”

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि इन पूज्य संतों ने दक्षिण भारत में 15वीं सदी से 18वीं सदी तक श्री रामभक्ति के प्रचार-प्रसार के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया, आज उनकी प्रतिमा उनके आराध्य के श्रीचरणों में बृहस्पति कुण्ड स्थल पर स्थापित हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के अभियान को आगे बढ़ाने का अवसर भी है। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक पूरे भारत को जोड़ने के लिए हमारे पूज्य संतो, हमारे आराध्य और अवतारी महापुरुषों ने जो योगदान दिया था, उसके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने की दृष्टि से आज का यह समारोह एक महत्वपूर्ण कड़ी है।”

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(भाषा के इनपुट के साथ)