इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बाराबंकी स्थित श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय (एसआरएमयू), बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से एसआरएमयू में विधि छात्रों की समस्याओं को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर बृहस्पतिवार को जवाब मांगा।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की पीठ ने सौरभ सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश दिया।

याचिका में कई अन्य मुद्दों के अलावा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस द्वारा कथित दुर्व्यवहार के बाद तीन सितंबर को बीसीआई द्वारा विश्वविद्यालय को रातोंरात मान्यता प्रदान करने पर भी सवाल उठाए गए हैं।

याचिका में कहा गया है कि एसआरएमयू ने तीन सितंबर से पहले विधि शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय की मान्यता न होने के बावजूद छात्रों को विधि पाठ्यक्रम में दाखिला देकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद एसआरएमयू, बीसीआई और यूजीसी पक्षों से याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के आदेश दिये।

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