Ram Lalla Shubh Vastram: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का वहां पहुंचना जारी है, लेकिन इन सभी के बीच रामलला के वस्त्रों को कैसे डिजाइन किया गया है। इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है। इसको लेकर अब रामलला की मूर्ति के ड्रेस डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने जानकारी साझा की है।
डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने बताया, ‘मैंने भगवान के वस्त्र का नाम ‘शुभ वस्त्रम’ रखा है। ये वस्त्र ‘पीतांबर’ का है – पीले रंग का वस्त्र है। हमने इसे विशेष रूप से वाराणसी में तैयार करवाया था। इसमें सोने और चांदी के तारों का इस्तेमाल किया गया है और सोने और चांदी के तारों से कढ़ाई की गई है…हमारी टीम दिल्ली से अयोध्या आई थी और हमने यहीं रहकर इसे तैयार किया। करीब 12-15 लोगों की टीम यहां पर लगी हुई थी…मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूं…”।
मनीष त्रिपाठी ने कहा कि भगवान के वस्त्र को डिजाइन करना थोड़ा मुश्किल जरूर था, क्योंकि एक सामान्य व्यक्ति के कपड़ों को डिजाइन करना और प्रभु श्रीराम के वस्त्रों को डिजाइन करना बड़ी बात थी और बहुत जिम्मेदारी का काम था।
त्रिपाठी ने कहा कि पहला बिंदु यह था कि भगवान की जो प्रतिमा है, उसके मानक हमारे पास नहीं थे, वो हमको भगवान राम की मूर्ति फाइनल होने के बाद मिले। ऐसे में एक सीमित वक्त में उसके पैटर्न तैयार करना अपने आप में एक बड़ा चैलेंज था।
उन्होंने कहा कि दूसरा प्वाइंट यह था कि एक सामान्य व्यक्ति बता पाता है कि उसे क्या चाहिए या नहीं चाहिए, लेकिन यहां एक प्रतिमा को क्या अच्छा लगेगा, क्या शोभा देगा। इसको चयन करना मेरे लिए थोड़ा मुश्किल काम था, लेकिन यह विषय कपड़े, पोशाक और डिजाइन का नहीं था, बल्कि करोड़ों लोगों की आस्था का था, जो पिछले 500 सालों से अपने प्रभु श्रीराम का इंतजार कर रहे थे।
डिजाइनर ने आगे कहा कि जितनी खूबसुरत यह प्रतिमा बनी थी, उतनी खूबसुरत और उसके साथ देती पोशाक जरूरी थी। यह सवाल हम अपनी रोज की प्रार्थना में करते थे कि भगवान हमारा मार्गदर्शन करें और एक अच्छी पोशाक बनाने में हमारी मदद करें। इसी वजह से यह सब संभव हो पाया।
त्रिपाठी ने कहा कि इसको लेकर मैं खुद को बहुत सौभाग्यशाली मानता हूं कि मैंने इस कार्य को अंजाम दिया। इस काम के लिए मुझे मेरे परिवार और पत्नी का बहुत सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि जो भरोसा चपंत जी ने मुझ पर दिखाया, उसके लिए उनको कोटि-कोटि धन्यवाद।