राज्यसभा चुनाव में हरियाणा के आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा-जेजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में वोट (क्रॉस वोटिंग) की थी, नतीजन कांग्रेस के महासचिव अजय माकन को हार का सामना करना पड़ा और उनका राज्यसभा जाने का सपना चूर-चूर हो गया। कुलदीप बिश्नोई की क्रॉस वोटिंग के बाद पार्टी ने उनके खिलाफ एक्शन लिया और सभी पदों से हटा दिया।

एआईसीसी ने हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई को पार्टी के सभी पदों से निष्कासित कर दिया, जिसमें कांग्रेस कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में भी शामिल हैं। वहीं, निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में वोट करने वाले बिश्नोई को लेकर भाजपा को उम्मीद है कि वह उनके खेमे में आ जाएंगे।

हरियाणा के पूर्व सीएम स्वर्गीय भजन लाल के 53 वर्षीय बेटे कुलदीप बिश्नोई चार बार के विधायक और दो बार के सांसद हैं। वह आलाकमान द्वारा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कट्टर वफादार उदयभान को डेढ़ महीने पहले हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद से नाराज थे। हुड्डा के धुर-विरोधी बिश्नोई भी एचपीसीसी प्रमुख पद की रेस में थे।

बिश्नोई की राज्यसभा चुनावों में क्रॉस-वोटिंग के कारण शर्मा के हाथों अजय माकन की हार हुई। जानकारों का कहना है कि बिश्नोई के भाजपा में जाने के लिए अब स्टेज सेट है। उनके पिता भजन लाल, जो कांग्रेस के दिग्गज और तीन बार के सीएम थे और हरियाणा के प्रमुख गैर-जाट नेता थे, एक ऐसा राज्य जिसकी राजनीति मुख्य रूप से जातिगत समीकरणों से प्रेरित है।

बिश्नोई के अपने पाले में शामिल होने से पड़ोसी राज्य राजस्थान में बिश्नोई समुदाय को लुभाने की कोशिश में भाजपा को मदद मिल सकती है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। जोधपुर के रहने वाले अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष देवेंद्र बिश्नोई ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि बिश्नोई समुदाय की राजस्थान के 32 विधानसभा क्षेत्रों में काफी उपस्थिति है।

उन्होंने कहा, “अगर कुलदीप बिश्नोई भाजपा में शामिल होते हैं, तो उनमें से अधिकांश भगवा पार्टी के साथ जा सकते हैं।” हरियाणा के फतेहाबाद और हिसार जिलों की कुछ सीटों पर भी बिश्नोई समुदाय की मजबूत मौजूदगी है। कुलदीप बिश्नोई खुद एबीबीएम के संरक्षक हैं और अपने पिता की तरह वे इसकी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं।

कांग्रेस के सभी पदों से निष्कासित किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कुलदीप बिश्नोई ने कहा, “कांग्रेस में कुछ नेताओं के लिए नियम हैं और दूसरों के लिए अपवाद और ये नियम चुनिंदा रूप से लागू होते हैं। अनुशासनहीनता को पहले कई बार नजरअंदाज किया गया है। मेरे मामले में, मैंने अपनी अंतरात्मा की सुनी।” हालांकि, बिश्नोई के एक करीबी सहयोगी ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ उनकी ‘क्रॉस वोटिंग’ वास्तव में प्रदेश में पार्टी की राजनीति में हुड्डा परिवार के ‘वर्चस्व’ के खिलाफ ‘प्रतिरोध’ था।