अखिल भारतीय गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार से सरकारी नौकरियों में गुर्जर समाज को पांच प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के मामले में स्थिति स्पष्ट करने की मांग करते हुए कहा कि गुर्जर समाज इस मांग को लेकर दो अक्तूबर को दिल्ली में पड़ाव डालेगा। बिधूडी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का यह कहना है कि राजस्थान सरकार ने विशेष पिछड़ा वर्ग के तहत गुर्जर समाज को पांच प्रतिशत आरक्षण देने का मामला केंद्र को भेजा है ताकि संबंधित प्रस्ताव को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल किया जा सके।
लेकिन केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत का कहना है कि केंद्र सरकार को राजस्थान सरकार से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है और न ही केंद्र सरकार ऐसे किसी प्रस्ताव पर विचार कर रही है। बिधूडी ने राजस्थान सरकार से कहा है कि वह इस बात का प्रमाण पेश करे कि उसने गुर्जर समाज सहित चार अन्य जातियों रेवाड़ी, बंजारा, गाड़िया लोहार तथा गड़रिया को दिए गए आरक्षण के मामले को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र को भेजा है।
उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश सरकार ने इस प्रस्ताव को केंद्र के पास भेजा है तो गुर्जर समाज के लोग आगामी दो अक्तूबर को दिल्ली घेरेंगे और केंद्र सरकार पर दबाव बनाएंंगे कि इसे नौंवी अनुसूची में शामिल किया जाए। बिधूड़ी ने राज्य सरकार के गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान हजारों की संख्या में समाज के नौजवानों और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि सरकार यह बताए कि उस वादे का क्या हुआ जिसमें यह कहा गया था कि गुर्जर सहित सभी पांच जातियों से संबंधित गांव में प्रत्येक वर्ष 500-500 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे।
वर्ष 2008 में यह वादा किया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार यह बताए कि 3500 करोड़ रुपए कहां खर्च किए गए। उन्होंने भगवान देवनारायण विकास बोर्ड का गठन करने, राजस्थान प्रदेश के ही निवासी भाजपा के किसी गुर्जर समाज के नेता को राज्यसभा की सदस्यता देने की मांग की हैं ताकि प्रदेश के गुर्जर समाज में नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा मिले।बिधूड़ी ने राज्यसभा की सदस्यता राजस्थान आरक्षण संघर्ष समिति के किसी पदाधिकारी या उसके रिश्तेदार को नहीं देने की मांग भी की है।