राजस्थान में 300 साल पुराने मंदिर पर बुल्डोजर चलाने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद बीजेपी के नेता कांग्रेस पर हमलावर हो गए हैं। यूपी सरकार में मंत्री शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि यह हथौड़ा शिवलिंग पर नहीं, कांग्रेस की किस्मत पर चल रहा है।
राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ में यह मामला सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर की छत और खंभों को बुल्डोजर से तोड़ दिया गया है। कहा ये भी जा रहा है कि इस कार्रवाई में शिवलिंग को भी क्षति पहुंची है।
इसे लेकर भाजपा नेता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा- “राजस्थान में अति प्राचीन शिवलिंग नहीं, कांग्रेस की किस्मत पर हथौड़ा चलवा रहे हैं आप राहुल गांधी जी, प्रभु राम को काल्पनिक बताया तो अमेठी समेत देश भर से सफाया हो गया, इस बार भगवान भोलेनाथ पर हाथ डाला है, अब तैयार रहिएगा!!”
मंदिर के पुजारी और ब्रजभूमि विकास परिषद ने राजगढ़ थाने में कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा और एसडीएम समेत तीन लोगों के खिलाफ ‘प्रशासन के सहयोग से मंदिर गिराने’ का मामला दर्ज कराया है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कई सौ साल पुराने एक मंदिर को बुल्डोजर से गिरा दिया गया है। 17 अप्रैल को उसके गुंबद को गिरा दिया गया और शिवलिंग को कटर से नष्ट कर दिया गया। गुरुवार को दर्ज शिकायत के अनुसार, अधिकारियों ने ऐसे तीन मंदिरों को ध्वस्त किया है।
दरअसल नगर पालिका ने छह अप्रैल को अतिक्रमण हटाने को लेकर 86 लोगों को नोटिस जारी किया था। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है। कार्रवाई के बाद हिन्दू संगठनों के सदस्य विरोध करने के लिए राजगढ़ थाने पहुंच गए। बढ़ते विवाद को देखते हुए पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि वह शुक्रवार को स्थानीय लोगों से मुलाकात करेंगी। उन्होंने कहा कि पूरे मामले पर अन्य पुलिस अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि विकास के नाम पर ‘अलवर में 300 साल पुराने हिंदू मंदिर’ को ध्वस्त कर दिया गया है। उन्होंने हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कांग्रेस को फटकार लगाई है। उन्होंने कहा- “करौली और जहांगीरपुरी पर आंसू बहाना और यहां हिंदू आस्था को चोट पहुंचाना- यह कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता है।”
वहीं राजस्थान के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बीजेपी के दावे को झूठा बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजगढ़ शहरी निकाय बोर्ड के अध्यक्ष, जो भाजपा के सदस्य हैं, ने मंदिरों और घरों को गिराने का प्रस्ताव रखा था। खाचरियावास ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष के कहने पर मंदिर तोड़ा गया है, जबकि कांग्रेस के एक विधायक इसका लगातार विरोध करते रहे।
