Rajasthan News: राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच के मतभेदों को खत्म करने के लिए कांग्रेस पार्टी का शीर्ष काम कर रहा है। दिल्ली में दोनों नेताओं के साथ शीर्ष नेतृत्व मीटिंग भी कर चुका है। अब इस मीटिंग के बाद सचिन पायलट पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र में पहुंच रहे हैं।

टोंक दौरे के दौरान सचिन पायलट (Sachin Pilot) का कई जगहों पर स्वागत किया जाएगा और वो हमीरपुर, अलियारी, बावरी और लंबाकलां में जनसुनवाई कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। इस दौरान सचिन पायलट उन लोगों से भी मुलाकात करेंगे, जिनका आंधी तूफान और बारिश की वजह से नुकसान हुआ है। पिछले 10 सालों में, 12 लोगों की मौत और प्राकृतिक आपदाओं की वजह से 20 लोगों के मरने की खबर है।

अपनी मांगों पर कायम हैं सचिन पायलट

अंग्रेजी वेबसाइट इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि सचिन पायलट ने इस महीने की शुरुआत में राजस्थान सरकार के सामने रखी अपनी तीन मांगों पर रुख नहीं बदला है। उन्होंने इन मांगों को लेकर सरकार को अल्टीमेटम भी दिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अगर राज्य सरकार उनकी तीन मांगों को पूरा नहीं करती है और वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में हाई लेवल जांच कमेटी नहीं बनाती है तो वो आंदोलन कर सकते हैं।

जो धैर्य रखता है, उसे मौका मिलता है- अशोक गहलोत

इससे पहले मंगलवार को मीडिया से बातचीत में सचिन पायलट पर किए गए सवाल पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि हाईकमान के साथ मिलने के बाद कोई सहयोग क्यों नहीं करेगा। विश्वास देकर ही विश्वास जीता जाता है। हाईकमान ने हमपर विश्वास किया है। अगर हम सब मिलकर चलेंगे तो सरकार हमारी आएगी। आज तक पार्टी में वफादारी से रहे हैं, आगे भी रहेंगे। सोनिया गांधी ने एक बार कहा था कि जो धैर्य रखता है उसको कभी न कभी मौका मिलता ही मिलता है। इस दौरान अशोक गहलोत ने यह भी कहा, “मुख्यमंत्री का पद उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं है। मैं तीन बार मुख्यमंत्री रह चुका हूं। आज मेरी यह ड्यूटी है कि मैं वो काम करूं जो चुनाव जीतने के लिए शीर्ष नेतृत्व मुझसे चाहते है।”