Rajasthan Red Diary: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल से बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को सोमवार को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया। विधानसभा में अपनी ही कांग्रेस सरकार को घेरने के बाद गुढ़ा को शुक्रवार को राज्य मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। इससे पहले दिन में गुढ़ा को हंगामा करने और राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के साथ हाथापाई हुई थी। जिसके बाद मार्शलों ने गुढ़ा को राजस्थान विधानसभा से बाहर कर दिया था।

गुढ़ा एक लाल डायरी के साथ सदन में दाखिल हुए, जिसमें उन्होंने दावा किया कि इसमें ‘सनसनीखेज डेटा’ है। डायरी को उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के सामने लहराया। वे यहीं नहीं रुके और संसदीय कार्य मंत्री धारीवाल का माइक भी नीचे कर दिया। घटना उस वक्त हुई जब धारीवाल गुढ़ा को सदन से बाहर करने का प्रस्ताव रख रहे थे। तनाव बढ़ता देख कांग्रेस विधायक रफीक खान ने हस्तक्षेप किया तो उनके और गुढ़ा के बीच हाथापाई हो गई। विवाद बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। इसके बाद स्पीकर ने गुढ़ा को सदन से बाहर निकालने का निर्देश दिया। मार्शलों को बुलाया गया और उन्हें बाहर कर दिया गया।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद विधानसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए गुढ़ा ने कहा, ‘लाल डायरी गहलोत को जेल ले जाएगी। इससे मुख्यमंत्री बेनकाब हो जाएंगे। गुढ़ा ने कहा कि मुझे लाल डायरी पेश करने से रोक दिया गया था। मुझे पीटा गया और डायरी पेश करने से रोक दिया गया। कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों ने मुझसे हाथापाई थी। मुझसे माफ़ी मांगने को कहा गया, लेकिन मैं माफी नहीं मांगूंगा।’

राजेंद्र गुढ़ा ने बताया- लाल डायरी में क्या है?

राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मैंने राज्य में महिला अत्याचारों पर बस सच बोला। जब उनसे पूछा गया कि उनकी लाल डायरी में क्या लिखा है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसमें उन सभी खातों का लेखाजोखा है। जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा काला धन वितरित किया गया था।
गुढ़ा ने आगे कहा कि मैं सदन में रेड डायरी रखना चाहता था, लेकिन 15 से 30 लोगों ने मुझ पर हमला कर दिया। मुझे मुक्का मारा, लात मारी और कांग्रेस नेताओं ने मुझे विधानसभा से खींचकर बाहर निकाल दिया।

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष ने मुझे बोलने तक नहीं दिया। मेरे ऊपर आरोप लगे कि मैं बीजेपी के साथ हूं। मैं जानना चाहता हूं कि मेरी गलती क्या है? उन्होंने कहा कि इस लाल डायरी में सब कुछ है, किसको पैसा दिया गया और कब दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जब आयकर टीम ने धर्मेंद्र राठौड़ के परिसरों पर छापा मारा तो गहलोत ने उनसे डायरी लाने के लिए कहा था और दावा किया था कि वह लोगों के पास जाएंगे और लाल डायरी के रहस्यों को उजागर करेंगे।

शेखावत ने पूछा- लाल डायरी को लेकर अशोक गहलोत बेचौन क्यों?

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मैं (राजस्थान के मुख्यमंत्री) अशोक गहलोत से पूछना चाहता हूं कि यह ‘लाल डायरी’ क्या है? इसे लेकर सरकार में बेचैनी क्यों है?।

पिछले दिनों गुढ़ा ने ओवैसी से की थी मुलाकात

बता दें, पिछले दिनों राजेंद्र गुढ़ा ने AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी से जयपुर में मुलाकात हुई। इस मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में नई बहस को जन्म दे दिया था। इसके बाद गुढ़ा के ओवैसी की पार्टी ज्वॉइन करने के लगातार कयास लगाए जा रहे। इसको लेकर गुढ़ा ने भी बैठक के बाद संकेत दिए थे कि ओवैसी के साथ उनकी विधानसभा चुनाव के मुद्दों को लेकर बैठक हुई। इसको लेकर उन्होंने आने वाले दिनों में बड़े संकेत देने की बात भी कही थी।

गुढ़ा को विधानसभा में कानून व्यवस्था की स्थिति और महिला सुरक्षा पर राज्य सरकार को घेरने के कुछ घंटों बाद शुक्रवार शाम को बर्खास्त कर दिया गया था। गुढ़ा राजस्थान सरकार में सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा, पंचायती राज और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाल रहे थे।

12वीं तक पढ़े हैं राजेंद्र गुढ़ा

झुंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र से राजेंद्र गुढ़ा का जन्म 19 जुलाई 1968 को राजस्थान के पीलीबंगा, हनुमानगढ़ में हुआ। इनके पिता का नाम माधोसिंह है। इनके परिवार में इनके 12 भाई हैं। इन्होंने 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त की। राजेंद्र गुढ़ा के भाई रणवीर सिंह भी पहले राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष रहे। बाद में 2003 में लोकजनशक्ति पार्टी से विधायक बने।

2008 में बसपा के टिकट पर लड़ा था पहला चुनाव

राजेंद्र गुढ़ा ने पहली बार 2008 में राजनीती में कदम रखा। गुढ़ा ने 2008 में बसपा के टिकट पर कांग्रेस के विजेंद्र सिंह और भाजपा के मदनलाल सैनी के खिलाफ चुनाव लड़ा। इसमें उन्होंने करीब आठ हजार वोटों से जीत हासिल की। 2008 में बसपा से चुनाव जीतने के बाद गुढ़ा ने बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। वहीं साल 2013 में राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने राजेंद्र गुढ़ा को उनकी सीट उदयपुरवाटी से उम्मीदवार बनाया, लेकिन तब गुढ़ा चुनाव हार गए थे। इस कारण से 2018 में कांग्रेस पार्टी ने उनका टिकट काट दिया।

2008 की तरह बसपा ने गुढ़ा को पार्टी में आने का एक बार फिर मौका दिया और राजेंद्र गुढ़ा बसपा में शामिल हो गए। बसपा ने गुढ़ा को एक बार फिर टिकट देकर उदयपुरवाटी की सीट पर उम्मीदवार बनाया। इस बार इनका मुकाबला भाजपा के उम्मीदवार शुभकरण चौधरी और कांग्रेस के भगवान राम सैनी से था। इस चुनाव में राजेंद्र गुढ़ा ने जीत हासिल की। चुनाव जीतने के बाद गुढ़ा ने बसपा से फिर दगा किया और एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गए। गहलोत सरकार ने इन्हें राज्यमंत्री बनाया। राजेंद्र सिंह गुढ़ा राजस्थान की वर्तमान सरकार में सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा (स्वतंत्र प्रभार), पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री थे, लेकिन सरकार के खिलाफ बयानबाजी के चलते उन्हें शुक्रवार को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया, जिसके बाद सोमवार यानी आज गुढ़ा को कांग्रेस पार्टी से निकाल दिया गया।