कांग्रेस पार्टी राजस्थान चुनाव से पहले वहां चल रहे पायलट-गहलोत विवाद को पूरी तरह से सुलझाना चाहती है। इसीलिए गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी ने एक मीटिंग की। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में कांग्रेस लीडरशिप ने सचिन पायलट को आश्वासन दिया है कि वह अशोक गहलोत सरकार को उनकी तीन मांगों पर कार्रवाई करने के लिए कहेगी। इन मांगों में वसुंधरा राजे की सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच शामिल है।

गुरुवार को दिल्ली में हुई बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने देर तक सचिन पायलट,अशोक गहलोत और राजस्थान के अन्य नेताओं से मंथन किया। अशोक गहलोत इस मीटिंग में वर्चुअली जुड़े थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कांग्रेस लीडरशिप ने इस मीटिंग में सचिन पायलट को भरोसा दिया तो अशोक गहलोत की उनकी योजनाओं को लेकर तारीफ की।

इस बैठक के बाद हुई प्रेस मीटिंग में कांग्रेस के नेता केसी वेणुगोपाल ने बताया कि सभी नेताओं को अनुशासन बनाए रखने के लिए कहा गया है। इस दौरान उन्होंने बताया कि राजस्थान में शुक्रवार को घर-घर संपर्क अभियान शुरू किया जाएगा, जो गहलोत सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी देगा।

क्या बोले पायलट

मीटिंग के बाद मीडिया से बातचीत में सचिन पायलट ने कहा कि उनके द्वारा उठाए गए मसलों पर खुले मन से विचार किया गया। शीर्ष नेतृत्व ने इन मामलों का संज्ञान लिया। मीटिंग को सकारात्मक, सार्थक और व्यापक बताते हुए सचिन पायलट ने कहा कि हम एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे। अपने रोल को लेकर किए गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “पार्टी ने मुझे पहले में जो भी जिम्मेदारियां दी हैं, मैंने उन्हें पूरा किया है, चाहे वह केंद्र में हो या राज्य में। भविष्य में भी मैं पार्टी के निर्देशों का पालन करूंगा।”

कौन होगा सीएम उम्मीदवार?

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में वेणुगोपाल राजस्थान सीएम फेस को लेकर सवाल टाल गए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ AICC इंचार्ज सुखजिंदर सिंह रंधावा और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटसरा भी मौजूद थे। वेणुगोपाल ने कहा कि आप हमारा इतिहास जानते हैं। हम कभी भी सीएम फेस का ऐलान नहीं करते हैं लेकिन हम चुनाव मिलकर लड़ते हैं। वहां सरकार है, एक अच्छी सरकार है, जो अच्छा काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि मीटिंग में मौजूद प्रदेश के 29 नेताओं ने यह माना कि एकजुट होकर राजस्थान चुनाव जीतना कोई बड़ी बात नहीं। उन्होंने कहा, “पहले मतभेद थे लेकिन आज की बैठक की खासियत यह रही कि पूरे नेतृत्व ने एक सुर में फैसला किया कि हमें एकजुट होकर चुनाव लड़ना है।”

वेणुगोपाल ने कहा कि आज से सभी को कठोर अनुशासन का पालन करना चाहिए। जो भी मुद्दे हैं, उन पर उन्हें पार्टी के अंदर चर्चा करनी होगी, बाहर किसी को भी पार्टी की अंदरूनी राजनीति के बारे में बोलने की आजादी नहीं है, चाहे वह सरकार के खिलाफ हो या पार्टी के खिलाफ। अगर कोई बोलेगा तो एक्शन लिया जाएगा।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मीटिंग में खड़गे ने गहलोत से साफ तौर पर कहा कि राजस्थान में दलितों पर अत्याचार के कई मामले सामने आए हैं और उन्हें कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने गहलोत को कबीर का दोहा ‘काल करे सो आज कर, आज करे सो अब, पल में प्रलय होगी, बहुरि करेगी कब’ भी सुना दिया।